INDvsSA: दूसरे टेस्ट मैच में जीत के बाद ऋद्धिमान साहा-उमेश यादव ने बताया अपने शानदार प्रदर्शन का राज़ 1

भारतीय क्रिकेट टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ विशाखापट्टनम में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच एक पारी और 137 रनों से जीत लिया। इसी के साथ टीम इंडिया चल रही टेस्ट चैंपियनशिप में 200 प्वॉइंट्स के साथ टॉप पर काबिज हैं। इस जीत में टीम ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी व फील्डिंग तीनों क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शऩ किया है। मैच खत्म होने के बाद तेज गेंदबाज उमेश यादव और विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने अपने प्रदर्शन के बारे में बताया।

ऋद्धिमान साहा ने इन्हें दिया अपने प्रदर्शन का श्रेय

ऋद्धिमान साहा

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वेस्टइंडीज दौरे पर बेंच पर बैठे रहने के बाद कप्तान विराट कोहली ने ऋद्धिमान साहा को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया। जहां बार-बार ऋद्धिमान साहा ने साबित किया कि हां, वह हैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर। दूसरे टेस्ट मैच की बात करें तो साहा ने 3 कैच लपके जिसमें से 2 कैच तो बेहद शानदार रहे। मैच खत्म होने के बाद जब उनसे उनकी फिटनेस और शानदार विकेटकीपिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया,

प्रैक्टिस सेशन में उमेश यादव, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी मुझ पर गेंदबाजी करते हैं, और हम इस तरह से अभ्यास करते हैं, वे मुझे मूविंग बॉल्स से प्रैक्टिस करवाते हैं।

हमारे ट्रेनर्स हमें स्ट्रेच, आइस-बाथ से मैच-डे के लिए तैयार होने के लिए अच्छी तरह से ट्रेन्ड करते हैं। इसलिए उन्हें मेरी फिटनेस के साथ-साथ मेरे विकेटकीपिंग प्रदर्शन का भी श्रेय दिया जाता है।

उमेश यादव ने साहा और भगवान को दिया श्रेय

रहाणे

तेज़ गेंदबाज़ उमेश यादव ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में और दूसरी पारी में 3-3 विकेट्स चटकाए। इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,

मुझे लगता है जो लेग साइड पर विकेट्स मिले वह मेरे नहीं बल्कि साहा के विकेट्स हैं। मुझे लगा कि वे बाउंड्री के लिए जा रहे हैं, जब वह लेग-साइड पर होता है, लेकिन मैं भगवान और साहा को थैंक्यू बोलना चाहूंगा क्योंकि उन्हीं की वजह से मुझे वे विकेट मिले।

टीम में हैल्दी कॉम्पटीशन है ऐसे में जब मुझे मौका मिला तो मुझे लगा कि हां, मुझे उस मौके का फायदा उठाना चाहिए। मैंने अपने पिछले मैच में भारतीय सरजमीं पर 10 विकेट्स निकाले थे तो मैं भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने के लिए कॉन्फिडेंट था।

एल्गर और फाफ, टेम्बा बावुमा से पहले मैदान पर आए और उन्होंने तीसरे विकेट के लिए साझेदारी बनाने की कोशिश की। जबकि अश्विन ने दोनों ही बल्लेबाजों को अश्विन ने परेशान किया।

परिणामस्वरूप मुझे और अश्विन को विकेट्स मिल गए। लेकिन महाराज और फिलेंडर ने भारतीय गेंदबाजों को खेलने की कोशिश की। अपनी टीम को टी ब्रेक तक बचाए रखा। लेकिन हमने आधे घंटे में ही पारी का अंत कर दिया।