भारतीय क्रिकेट टीम विराट कोहली की कप्तानी में आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच को खेलने के लिए तैयार है। 18 जून से न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथैम्टन में फाइनल मैच शुरू होने जा रहा है, जिसकी उल्टी गिनती चल रही है। भारतीय टीम को इस मैच के लिए फेवरेट के रूप में देखा जा रहा है।
भारत की गेंदबाजी में है मजबूत धार
वैसे भारतीय टीम के पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में किए गए प्रदर्शन के कारण भारत को दावेदार मानने वालों की कोई कमी नहीं है। इस दौरान भारतीय टीम की गेंदबाजी काफी शानदार रही है। जिनके बूते भारत ने जबरदस्त सफलता हासिल की है।
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में भी भारतीय टीम को गेंदबाजी में काफी मजबूत माना जा रहा है। भारत की गेंदबाजी जो कीवी टीम के सामने चुनौती पेश करने की क्षमता दिखा सकती है।
किरण मोरे ने बताई भारत की कमजोर कड़ी
भले ही भारती टीम अपनी गेंदबाजी के कारण मजबूत मानी जा रही है, लेकिन टीम की सबसे बड़ी समस्या उनकी बल्लेबाजी है। पिछले कुछ विदेशी दौरो में भारत के बल्लेबाज एक यूनिट के रूप में प्रदर्शन करने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व चयनकर्ता और क्रिकेटर रहे किरण मोरे ने भारत की समस्या को बताया है। किरण मोरे के अनुसार भारतीय टीम की सबसे बड़ी कमजोरी एक साथ बल्लेबाजी परफॉरमेंस नहीं कर पा रही है जो चिंता का सबसे बड़ा मुद्दा है।
बल्लेबाजी यूनिट के रूप में प्रदर्शन सबसे बड़ी चिंता
किरण मोरे ने कहा कि
“भारतीय टीम की एकमात्र समस्या मुझे उनकी बैटिंग लगती है। एक यूनिट के तौर पर अभी हम बल्लेबाजी नहीं कर पाए हैं। जब हम न्यूजीलैंड में हारे थे तब उसका प्रमुख कारण बैटिंग ही था। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया में भी सभी बल्लेबाज मिलकर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।”
“हमें कुछ व्यक्तिगत परफॉर्मेंस पर निर्भर रहना पड़ा था। जब हमें जरूरत पड़ी तो अजिंक्य रहाणे ने शतक लगा दिया, ऋषभ पंत ने कुछ बेहतरीन पारियां खेली। इसके अलावा लोअर ऑर्डर में वॉशिंगटन सुंदर और रविचंद्रन अश्विन ने भी बल्ले से अपना अहम योगदान दिया ।”