भारतीय टीम के दो नए चयनकर्ता के नामों की घोषणा हो गई है। सुनील जोशी और हरविंदर सिंह को इसमें शामिल किया गया है। जोशी को नया मुख्य चयनकर्ता भी बनाया गया है। भारतीय क्रिकेट के कई बड़े नामों ने इस पद के लिए आवेदिन किया था। इसमें अजीत अगरकर और नयन मोंगिया का नाम भी शामिल था।
अभी भी रेस में आगरकर
भारतीय टीम के 3 चयनकर्ता जतिन परांजपे, देवांग गांधी और सरनदीप सिंह का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है। इसके बाद फिर से नए चयनकर्ताओं का चयन किया जाएगा। टी-20 विश्व कप 2020 के बाद नए चयनकर्ता इनकी जगह लेंगे।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से अध्यक्ष सौरव गांगुली ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया है कि अगली बार के इंटरव्यू के लिए अजीत अगरकर का आवेदन मान्य होगा। पूर्व भारत और मुंबई के तेज गेंदबाज को मुख्य चयनकर्ता बनने के लिए मुख्य दावेदार माना जाता था, लेकिन बीसीसीआई ने जोनल सिस्टम में वापसी की और इसने सुनील जोशी को यह स्थान दे दिया।
मुख्य चयनकर्ता भी बन सकते हैं
नवंबर में अजीत अगरकर भारतीय टीम के चयनकर्ता पैनल में शामिल होते हैं तो मुख्य चयनकर्ता पद के दावेदार बन सकते हैं। सुत्र ने टीओआई से कहा कि इंटरनेशनल मैचों का अनुभव देखकर ही मुख्य चयनकर्ता बनाए जाएंगे। सुत्रों के हवाले से उन्होंने लिखा
“जब नए चयनकर्ताओं को लाया जाता है, तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अनुभव का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा और चयनकर्ताओं के अध्यक्ष को तदनुसार नियुक्त किया जा सकता है।
इस बारे में और जानकारी देते हुए बीसीसीआई अधिकारी में बताया
“पहले यह तय किया गया था कि सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया जाए। यहां तक कि नया संविधान भी ऐसा कहता है। लेकिन बाद में, बीसीसीआई के एक वर्ग ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप एक क्षेत्र की पूरी तरह से अनदेखी होगी। आप इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते कि मध्य क्षेत्र के खिलाड़ी अच्छे चयनकर्ता नहीं हो सकते। यह एक बुरी मिसाल कायम करता।”