अब एमएसके प्रसाद का बतौर मुख्य चयनकर्ता कार्यकाल लगभग खत्म सा हो गया है. उनकी जगह कई दिग्गजों ने इस पद के लिए आवेदन भी दिए हैं. जिसमें अजित अगरकर जैसा बड़ा नाम भी शामिल है. यदि अजित अगरकर भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बन जाते हैं तो दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का करियर भी खत्म हो जायेगा.
अजित अगरकर बने चयनकर्ता तो धोनी का करियर खत्म
एक समय भारतीय टीम के लिए अजित अगरकर भारतीय टीम के मुख्य तेज गेंदबाज थे. जिसके साथ ही वो अंत के ओवरों में बल्ले से भी अपना योगदान देते थे. लेकिन महेंद्र सिंह धोनी के टीम में कप्तान बनने के बाद उनका करियर अचानक से ही खत्म हो गया. 2007 में धोनी कप्तान बने और उसी साल अगरकर ने अपने करियर का आखिरी मैच भी खेल लिया.
जिसके बाद से ही अगरकर लगातार धोनी के खिलाफ बोलते हुए नजर आते हैं. जब भी उन्हें मौका मिलता है तो वो धोनी की आलोचना करते हुए नजर आते हैं. यदि वो भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बन गये तो उसके बाद वो महेंद्र सिंह धोनी को मौका देते हुए नजर नहीं आने वाले हैं. जिसका कारण हैं इन दोनों दिग्गजों में बहुत ज्यादा मतभेद.
ऋषभ पंत के समर्थक माने जाते हैं अजित अगरकर
मात्र मतभेद ही नहीं बल्कि अन्य कारण भी है जिसके वजह से अगरकर महेंद्र सिंह धोनी को मौका नहीं देंगे. जिसमे सबसे बड़ा वजह है की वो ऋषभ पंत के सर्मथक माने जाते हैं. हाल में ही उन्होंने पंत के समर्थन में बोलते हुए विराट कोहली को निशाने पर लिया था और कहा था की पंत जैसा खिलाड़ी टीम के लिए एक्स फैक्टर साबित होता है.
उन्हें टीम से बाहर रखने का फैसला पूरी तरह से गलत हैं. आप किसी भी खिलाड़ी को इतने लंबे समय तक टीम से बाहर नहीं रख सकते हैं. चयनकर्ता बनने के बाद वो ऋषभ पंत को मौके देंगे जिसके कारण धोनी को टीम में वापसी करने में मुश्किले और ज्यादा बढ़ ही जाएँगी.
लंबे समय से बाहर चल रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी
विश्व कप 2019 के सेमीफ़ाइनल मैच के बाद से ही महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से दूर चल रहे हैं. जबकि इस बीच उन्होंने घरेलू स्तर पर भी नहीं खेला है. जिससे वो टीम में अपनी वापसी की दावेदारी को मजबूत कर सके. हालाँकि कहा जा रहा है की यदि महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल 2020 में बहुत ही शानदार बल्लेबाजी करते हैं तो टीम में उनकी वापसी पर चर्चा किया जा सकता है.