अब तक बीसीसीआई में सीओए का राज चल रहा था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गये सीओए ने पिछले 3 सालों तक बीसीसीआई को संभाला. वो अनुराग ठाकुर को पद से हटा कर आये थे. पिछले तीन सालों में सीओए के काम करने के तरीके पर सवाल उठे है.
सीओए के जगह अब बीसीसीआई की टीम वापस आ गयी है. चुनाव के प्रक्रिया से अब नयी बीसीसीआई तैयार की जा रही है. दादा का अध्यक्ष बनना पहले से तय था क्योंकि चुनाव में उनके खिलाफ कोई और और खड़ा ही नहीं था. दादा को निर्विरोध इस पद पर चुना गया है.
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के साथ जय शाह को बीसीसीआई का सचिव और अरुण धूमल को कोषाध्यक्ष चुना गया है. इसके अलावा जयेश जॉर्ज को संयुक्त सचिव भी चुना गया है. इस टीम ने आज से अपना पद संभाला है.
1.सौरव गांगुली (बीसीसीआई अध्यक्ष)
जब भी भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तानों के बारें में बात की जाएगी तो उसमें सौरव गांगुली का नाम पहले तीन स्थानों में आएगा. 2008 में सौरव गांगुली ने अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 7212 और एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में 11363 रन बनाए.
गांगुली के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 38 शतक हैं. 2009 में गांगुली क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब) की कमिटी के सदस्य बने. 2014 में वह कैब के संयुक्त सचिव और 2015 में जगमोहन डालमिया के निधन के बाद उसके अध्यक्ष बने.
पिछले महीने फिर एक बार उन्हें निर्विरोध कैब का अध्यक्ष चुना गया. कप्तानी की तरह अब बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में भी वो भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे. दादा इस पद पर अगले 10 महीने तक रहेंगे और उसके बाद 3 साल के कुलिंग पीरियड पर जायेंगे.