यूटीसीए को बीसीसीआइ से मान्यता मिलने के बाद शहर की पहली महिला क्रिकेटर अमनजोत कौर का चयन इंडिया ए टीम में हुआ है. अमनजोत कौर अपनी जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव से गुजरी. यहां तक की उन्हें इस खेल को खेलने के लिए कई ताने भी सुनने पड़े. लेकिन वुमन क्रिकेट ट्रॉफी मे दृढ़ निश्चय वाली अमनजोत ने आज इंडिया ए से कॉल-अप अर्जित कर लिया है. चंडीगढ़ वुमन क्रिकेट टीम अंडर-23 टीम की कप्तान हैं.
मैदान पर एकमात्र लड़की होती थी मैं
आज भी भारतीय समाज के कई हिस्सों में लड़कियों औऱ लड़कों में भेदभाव किया जाता है. अब टीम इंडिया से कॉल-अप अर्जित कर चुकी अमनजोत कौर ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया,
“आप जानते हैं कि हमारे पास किस तरह का समाज हैं. जब मैंने क्रिकेट में दिलचस्पी दिखाई, तो लोग कहते थे कि लड़की होकर तुम क्रिकेट खेल हो, ये तो लड़कों का खेल है. लेकिन उन तानों ने ही मुझे मजबूत बनाया.
मैं पिच पर एकलौती लड़की हुआ करती थी. मुझे लगता है कि मैं लड़कों के साथ खेलते हुए जिद्दी हो गई थी. हालांकि मेरे परिवार के सपोर्ट ने आगे बढ़ने में मेरी काफी मदद की.
मेरे पिता प्रैक्टिस के लिए साथ जाते
19 वर्षीय टीओआई ने सेक्टर 26 के सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अपने प्रैक्टिस सैशन के मौके पर बताया,
“मैं इंडिया ए में मौका मिलने के बाद अब काफी उत्साहित हूं. मुझे 9 दिसंबर तक रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है. यह मेरे लिए भारतीय टीम में शामिल होने का एक शानदार मौका है.”
“मैं बहुत लकी हूं कि घर में हर कोई मुझे सपोर्ट करता है. मेरे पिता (भूपिंदर सिंह) ने सुनिश्चित किया कि मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा करूं. वह रोज प्रैक्टिस ग्राउंड में मेरे साथ जाते थे. जब मैं पिछले साल 18 साल की हो गई, तो उन्होंने मुझे एक स्कूटी गिफ्ट की और अब मैं अपनी मर्जी से इधर-उधर जा सकती हूं.“
शानदार प्रदर्शन ने दिलाया टीम में मौका
अमनजोत कौर पहले पंजाब की ओर से खेलती थी लेकिन यूटीसीए को मान्यता मिलने के बाद वह चंडीगढ़ क्रिकेट टीम की कप्तान बन गईं. अमनजोत के नाम दो शतक, 11 अर्धशतक तथा 23 विकेट हैं. अमनजोत कौर अब चैलेजर ट्रॉफी इंडिया ए की तरफ से खेलेंगी. आपको बता दें, अमनजोत इंडिया की चौथी खिलाड़ी बन चुकी हैं जिन्होंने वुमंस टी-20 मुकाबलों में सबसे अधिक रन बनाए हैं.