टीम इंडिया के सीनियर बल्लेबाज़ रोहित शर्मा (Rohit Sharma) इन दिनों क्रिकेट एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं. फिर चाहे वो अलग-अलग फ़ॉर्मेट में कप्तान बदलने की चर्चा हो या फिर टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज़ी को लेकर चल रहा विमर्श. बता दें कि आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल और इंग्लैंड में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलने वाली भारतीय टीम का रोहित शर्मा एक बेहद अहम हिस्सा हैं.
बता दें कि भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल 18 जून को इंग्लैंड के साउथैम्पटन में खेला जाएगा. इंग्लैंड की परिस्थितियों में ड्यूक बॉल के सामने दोनों ही टीमों के सलामी बल्लेबाज़ों को एक कड़े टेक्निक और टेंपरामेंट टेस्ट का सामना करना पड़ेगा. इसी सिलसिले में इस डिस्कशन में हम बात करने वाले हैं भारतीय टीम के सीनियर सलामी बल्लेबाज़ रोहित शर्मा और न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज़ टॉम लाथम के बीच एक तुलनात्मक और समानांतर आकलन की.
रोहित शर्मा और टॉम लाथम, दोनों इस वक़्त शानदार फ़ॉर्म में
इसके अलावा कैंटरबरी के क्राइस्टचर्च से तअल्लुक़ रखने वाले कीवी सलामी बल्लेबाज़ टॉम लाथम ने बीती 5 टेस्ट पारियों में शानदार बल्लेबाज़ी की है. ऐसा बस एक बार हुआ कि वो दहाई का आँकड़ा नहीं छू पाए. इस दौरान लाथम के नाम 2 अर्धशतक भी हैं. इस लिहाज़ से इन दोनों बल्लेबाज़ों के बीच एक दूसरे के बेहतर करने की होड़ ज़रूर होगी.
रोहित और लाथम का विदेशों में 40 से कम का औसत बन सकता है कमजोरी
खैर दोनों बल्लेबाज़ों की शानदार फ़ॉर्म को तो हमने ऊपर डिस्कस कर लिया लेकिन इसके बाद बारी आती है एक हिस्से की जहाँ रोहित और लाथम दोनों ही काफ़ी संघर्ष करते हुए नज़र आते हैं. जी हाँ ये मसला है घर से बाहर विदेशी सरज़मीं पर बल्लेबाज़ी औसत का.
दरअसल, दोनों ही सीनियर सलामी बल्लेबाज़ों का विदेश में औसत 40 से भी नीचे है. इसके अलावा अगर विदेशी ज़मीन पर शतकों की बात करें तो टॉम लाथम ने 5 शतक जड़े हैं वहीं रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को अभी भी अपने पहले शतक का इंतज़ार है.
दोनों ही बल्लेबाज़ों के पास है टेस्ट टीम में खुद को साबित करने का मौका
नागपुर के 33 वर्षीय सीनियर भारतीय बल्लेबाज़ रोहित शर्मा (Rohit Sharma) बेशक भारतीय टीम के एक स्टार हैं. लेकिन, टेस्ट टीम में अपने 7-8 साल के करियर में भी रोहित शर्मा (Rohit Sharma) सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं. आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में अगर वो एक मैच विनिंग नॉक खेलते हैं तो शायद अपनी जगह पुख़्ता कर लें.
दूसरी ओर, जहाँ तक मसला लाथम का है उनके पास ये एक अच्छा मौका है कि वो अपने सीनियर कप्तान केन विलियमसन (Kane Williamson) के बाद टीम के लिए दूसरे सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ के तौर पर स्थापित करें. सीनियर बल्लेबाज़ रॉस टेलर अब कभी संन्यास का ऐलान कर सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में लाथम के पास एक शानदार पारी खेल टीम में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने का मौका है.
दाँए हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों के सामने दोनों करते हैं संघर्ष
दोनों ही टीम के सलामी बल्लेबाज़ रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और टॉम लाथम बेशक इस समय शानदार फ़ॉर्म में हैं लेकिन दोनों ही बल्लेबाज़ों के सामने एक खतरा और है जो कि दोनों को समान रूप से परेशान कर सकता है. मसला ये है कि ऐसा कई बार देखा गया जब रोहित (Rohit Sharma) टेस्ट क्रिकेट में दाँए हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों के सामने संघर्ष करते हुए नज़र आए हैं.
इसके अलावा लाथम को टेस्ट क्रिकेट में दाँए हाथ के क्वालिटी तेज़ गेंदबाज़ों के सामने खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस लिहाज़ से दोनों ही बल्लेबाज़ों के लिए चीज़ें ज़्यादा आसान नहीं रहने वाली हैं.