राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ( आरसीए) जो इस समय खुद बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया ( बीसीसीआई ) में सदस्यता पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है. ऐसे में उसके द्वारा संचालित ट्वेंटी- ट्वेंटी लीग भ्रष्टाचार के जांच के दायरे में आ गयी है. जयपुर पुलिस और एंटी करप्सन यूनिट के जॉइंट ऑपरेशन में यह बात सामने आई कि राजपूताना क्रिकेट लीग (आरसीएल ) में मैच फिक्सिंग हुई है. खबर यह भी है कि इसमें कुछ खिलाड़ियों की गिरफ्तारी भी हुई है.
इस तरह हुई कारवाई-
राजपूताना क्रिकेट लीग मैच फिक्सिंग के विवाद में फंस गई. बीसीसीआई ने केएल सैनी स्टेडियम में आयोजित राजपूताना लीग को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में शिकायत दी थी. इसके बाद बुधवार रात को क्राइम ब्रांच ने मानसरोवर स्थित न्यू आतिश मार्केट और सी स्कीम स्थित दो होटलों में छापेमारी की गई. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रारंभिक जांच में करीब 7 से अधिक खिलाड़ियों को हिरासत में लिया है, वहीं कुछ एंपायर भी इस मैच फिक्सिंग के खेल में शामिल हैं.
ऐसा है आरसीएल का प्रारूप-
टूर्नामेंट में छह टीमें हैं- जयपुर टाइगर्स, उदय भीलवाड़ा वल्व्स, सीकर बुल्स, जोधपुर लायंस, उदयपुर ईगल्स और अजमेर पैंथर्स, इस लीग का प्रसारण लाइव होता है. घोटाले का पता लगाने के बाद जयपुर पुलिस ने राजस्थान क्रिकेट के अन्य सबसे बड़े नामों के साथ अन्य संदिग्धों को भी खड़ा किया, जिनमें से कुछ पूछताछ के लिए प्रसारकों का हिस्सा हैं. उन्होंने इस मामले में पहले से ही 20 गिरफ्तारियां की हुई हैं. जिसमें सट्टेबाजों और खिलाड़ियों को शामिल किया गया है.
इस तरह पकड़ में आया प्रकरण-
यह रोशनी में तब आया जब बीसीसीआई और एसीयू ने जयपुर पुलिस के साथ एफआईआर दायर किया जिसने तेजी दिखाते हुए काम किया और सट्टेबाजों को गिरफ्तार कर लिया. वजीर खान और बहारे खाननामक दो बुकी एसीयू के रडार पर थे. उन दो सट्टेबाजों के साथ पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी से भी गिरफ्तार किया गया था, जिनके पास नेपाल, नोएडा और राजवाड़ा में खेले जाने वाले अन्य टूर्नामेंट में इसी तरह की भागीदारी का रिकॉर्ड है. पुलिस ने 20 मोबाइल के साथ नकद में 37 लाख रुपए से भी ज्यादा जब्त किये.