अर्जुन तेंदुलकर

14 जून को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई में अपने फ्लैट में आत्महत्या कर फिल्मी जगत को बड़ा झटका दिया। सुशांत के इस तरह अचानक आत्महत्या करने के बाद से चारों तरफ ‘नेपोटिज्म’ पर बात हो रही है। सलमान खान, करण जौहर, आलिया भट्ट जैसे तमाम सितारों पर सुशांत के फैंस हमला करते नजर आ रहे हैं। मगर अब इस ‘नेपोटिज्म’ सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर का भी नाम घसीटा जा रहा है।

‘नेपोटिज्म’ का फायदा उठा चुके हैं अर्जुल तेंदुलकर

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से हर जगह या तो सुशांत की मौत पर चर्चा हो रही है या फिर ‘नेपोटिज्म’ को लेकर बहस चल रही है। मगर अब इस कड़ी में सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर को भी नहीं बख्सा गया है।

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असल में सोशल मीडिया पर एक ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसको देखकर समझ आ रहा है कि अंडर-16 टीम में अर्जुन के सिलेक्शन के पीछे ‘नेपोटिज्म’ का हाथ है। क्योंकि प्रणव धनावडे के नाम के आगे रिकॉर्ड दिख रहा है, मगर उसे रिजेक्ट कर दिया गया है। मगर वहीं अर्जुन के नाम के सामने कोई रिकॉर्ड नहीं है, मगर वह सिलेक्ट हो गए।

एमसीसी क्लब से खेलते हैं अर्जुन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर जिसके पिता हैं, उसे किस बात की चिंता होगी। ऐसा हर किसी के मन में आता होगा। भले ही अभी तक सचिन के बेटे अर्जुन ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू नहीं किया है, लेकिन वह क्रिकेट में काफी नाम कमा चुके हैं। लंबे कद के अर्जुन तेज गेंदबाज हैं, जो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के रूप में नेट बॉलर के रूप में काम कर चुके हैं। वह एमसीसी क्लब में खेलते हैं। इतना ही नहीं अर्जुन भारतीय क्रिकेट टीम को भी नेट पर प्रैक्टिस करा चुके हैं।

क्यों चल रही है ‘नेपोटिज्म’ की आंधी

सुशांत सिंह राजपूत
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टी वी सीरियल से बॉलीवुड तक का सफर तय करने वाले सुशांत सिंह राजपूत देखते ही देखते स्टार बन गए थे। शानदार एक्टिंग के दम पर उन्होंने बॉलीवुड में एंट्री की थी। लेकिन 14 जून को सुशांत की आत्महत्या ने बॉलीवुड की पोल खोलकर रख दी। तब से लेकर अभी तक सोशल मीडिया पर सुशांत की मौत के पीछे ‘नेपोटिज्म’ को दोषी ठहराया जा रहा है।

खबरों की मानें, तो सलमान खान जैसे बड़े सितारे से संबंध खराब होने के बाद उन्हें बॉलीवुड से धीरे-धीरे बाईकॉट किया जा रहा था, जिसका बोझ वह नहीं उठा सके और अपनी जान दे दी। लेकिन अब उनके फैंस इस आत्महत्या को जाया नहीं देना चाहते हैं और उन्हें इस कदम को उठाने के लिए उकसाने वाले लोगों को घेर रहे हैं।

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