क्रिकेट में अंपायर्स की भूमिका अहम होती है. वहीं, पाकिस्तान के सबसे चर्चित अंपायर असद रऊफ (Asad Rauf) इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. यह मामला उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा हुआ है. दरअसल, क्रिकेट विश्वकप में अंपायरिंग कर चुके असद रऊफ क्रिकेट के मैदान से दुरी बनाने के बाद इन दिनों लाहौर के लांडा बाजार में जूते बेचने का काम रहे हैं.
जी हां आपने सही सुना. अंपायरिंग में अपने लोहा मनवा चुके असद रऊफ को आखिर ये जूते बेचने का काम क्यों करना पड़ा? चलिए हम आपको बताते हैं.
क्यों जूते लगे Asad Rauf?
दरअसल, दुनिया का एकमात्र देश पाकिस्तान, जो कर्ज के बोझ से उबरने की बजाय आर्थिक समस्या के बोझ से ढ़कता चला जा रहा है. इमरान सरकार का तख्ता पलट हो जाने के बाद से लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इसका असर अब खिलाड़ियों पर भी दिख रहा है.
कुछ दिन पहले पाकिस्तान में पेट्रोल ना मिलने को लेकर मोहम्मद हफीज ने ट्वीट कर पाकिस्तान में बनी नई सरकार की पोल खोली थी. वहीं, इस दौरान सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ (Asad Rauf) की जूते बेचने वाली तस्वीर ने लोगों को हैरान कर दिया है. हाल ही में एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या आप इस काम से खुश हैं तो असद रऊफ ने इसके जबाव में कहा,
‘मैं जिस काम को करता हूं, उस काम की पीक पर जाता हू. मैंने लंडे का काम शुरू किया इसकी पीक पर गया. मैं जो काम छोड़ देता हू. उसे छोड़ ही देता हूं, मैं अब कोई क्रिकेट मैच नहीं देखता. मैने सारी उम्र जब खुद ही क्रिकेट खिला दिया है तो उसे अब टीवी पर क्या देखना.’
‘मैं 66 साल का हूं और अपने पैरों पर खड़ा हूं’
बता दें कि ICC एलीट पैनल के पूर्व अंपायर असद रऊफ (Asad Rauf) को कई बड़े टूर्नामेंट में अंपायरिंग करते हुए देखा जा चुका है. वह आईपीएल और विश्वकप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. लेकिन वह इन दिनों लाहौर के बाजार में जूते कपड़े बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
वह अपने इस काम से खुश हैं और ताउम्न काम करना चाहते हैं. उनका (Asad Rauf) कहना कि, ‘मैने बस ये अपना छोटा सा जूतों और कपड़ों का व्यापार शुरू किया है. मैं अपनी आखरी सांस तक काम करना चाहता हूं. मेरे खून में भी यही है जब तक जिंदगी रहेगी तब तक काम करता रहूंगा. मैं 66 साल का हूं और अपने पैरों पर खड़ा हूं’