क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बॉल टेम्परिंग मामले में अपने तीन खिलाड़ियों को दोषी पाते हुए बैन लगाया है, लेकिन इस फैसले में ऑस्ट्रेलिया टीम के कोच डेरेन लेहमैन को निर्दोष पाया है और इस बात से क्रिकेट फैंस काफी हतास हुए और उन्होंने सोशल मीडिया पर मजेदार रिएक्शन दिए हैं.
बता दें कि, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ, उप कप्तान को मामले में दोषी पाते हुए 12 महीने का बैन लगाया है. तो वहीं गेंदबाज बैनक्राफ्ट पर 9 महीने का बैन लगाया गया है, तो इस मामले को देखते हुए सोशल मीडिया पर यूजर्स ने मजेदार कमेंट्स किये हैं.
बॉल टेम्परिंग में ऑस्ट्रेलिया कोच डेरेन लेहमैन दोषमुक्त
इन दिनों बॉल टेम्परिंग को लेकर क्रिकेट जगत में खलबली मची हुई है. ऑस्ट्रेलिया टीम इस मामले में दोषी पाई गई और और हर तरफ उसकी अलोचना हो रही है. ऐसे में जब खिलाड़ियों पर बैन लगाया गया तो इस बात से कई फैंस दुखी हुए हैं तो वहीं कई इसके सपोर्ट कर रहे हैं.
बता दें कि, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में जब कैमरों में बॉल टेम्परिंग का मामला कैद हुआ तो उसके बाद तीनो खिलाड़ियों पर कारवाई हुई और सजा दी गई. इसमें टीम के कोच डेरेन लेहमैन पर कोई भी कारवाई नहीं हुई जिसको देखते हुए यूजर्स ने सोशल मीडिया पर मजेदार कमेन्ट किये.
कोच को सजा न होने पर यूजर्स ने किया तंज
एक यूजर ने लिखा “लेहमैन अपने मौनी बाबा की तरह है, दोनों की नाक के नीचे कांड हो गया और पता ही नहीं चला. बारिश में रेनकोर्ट पहनकर नहाने की कला जानते हैं.”
बता दें कि, कोच डेरेन लेहमैन पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कोई भी फैसला नहीं लिया है और वह इस मामले में दोषी हैं. तो वहीं उपकप्तान डेविड वार्नर को इसमें पूरा दोषी माना है और उन्हें इसका मास्टरमाइंड बताया है.
वार्नर को मास्टर माइंड मानते हुए उनको एक साल का बैन लगाया है. तो वहीं टीम के कप्तान स्मिथ पर भी एक साल का बैन लगाया है. साथ ही साथी खिलाड़ी बेनक्राफ्ट पर 9 महीने का बैन है.
141 साल बाद हुआ ऐसा फैसला
बता दें कि, बॉल टेम्परिंग का मामला कोई पहली बार नहीं हुआ है और न ही पहली बार है जब किसी खिलाड़ी पर कारवाई हुई है. लेकिन हां इतनी बड़ी सजा 141 साल बाद दी गई है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इससे पहले साल 2001 में क्रिकेट के भगवान सचिन को भी बॉल टेम्परिंग में दोषी हुए उन्हें एक मैच के लिए बैन किया था, लेकिन बाद में यह फैसला वापस ले लिया गया.
तो वहीं ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और ऐसा पहली दफा 141 साल बाद इतना बड़ा फैसला लिया गया है.