इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड की मेजबानी में खेले गए आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सका था। पाकिस्तान टीम के विश्व कप से बाहर होने के बाद से पाकिस्तान क्रिकेट गलियारों में भूचाल सा आया हुआ है।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम का पूरा कोचिंग स्टाफ बर्खास्त के बाद अजहर महमूद का बड़ा खुलासा
इसके आगोश में एक के बाद एक कई पद आए। जिसमें मुख्य चयनकर्ता के पद से तो खुद इंजमाम उल हक ने इस्तीफा दिया तो वहीं मुख्य को मिकी आर्थर के साथ ही पूरे सपोर्टिंग स्टाफ को पीसीबी ने बर्खास्त कर दिया।
मिकी आर्थर के साथ ही पाकिस्तान के बल्लेबाजी कोच ग्रांट फ्लावर, गेंदबाजी कोच अजहर महमूद को हटा दिया तो वहीं अब पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान सरफराज अहमद को भी हटाने की मांग जोर पकड़ रही है।
अजहर महमूद का खुलासा, चयन में था मिकी आर्थर का दबदबा
सपोर्टिंग स्टाफ के बर्खास्तगी के बाद अब पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच के पद पर आसीन रहने वाले अजहर महमूद ने पाकिस्तान के पूर्व कोच मिकी आर्थर को लेकर एक से एक कई बड़े खुलासे किए हैं। जिसमें उन्होंने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान की टीम के चयन में मिकी आर्थर का दबदबा था।
अजहर महमूद साथ ही ये भी कहा कि उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इस मामले को उठाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। अजहर महमूद ने इस मामले को लेकर कहा कि
चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद मिकी आर्थर हो गए पूरी तरह से हावी
“मेरे अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, मैंने पीसीबी अधिकारियों से ये बात उठाई कि गेंदबाजी कोच के रूप में मेरे पास चयन मामलों में एक बेहतर स्थिति होनी चाहिए क्योंकि मेरे पास हर गेंदबाज के बारे में बेहतर विचार था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
द डॉन अखबार के साथ बात करते हुए अजहर महमूद ने आगे कहा कि
“चैंपियंस ट्रॉफी को जीतने के बाद, आर्थर और भी ज्यादा शक्तिशाली हो गए और उन्होंने मुख्य चयनकर्ता इंजमाम उल हक और कप्तान सरफराज के साथ सभी बड़े फैसले लिए लेकिन मिकी आर्थर ज्यादा हावी थे।”
पीसीबी ने कभी नहीं दिया स्पष्टीकरण का मौका
इसके साथ ही अजहर महमूद ने पीसीबी को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि
“पीसीबी और क्रिकेट समिति ने मिकी आर्थर के साथ पूरे कोचिंग स्टाफ को बुलाती थी लेकिन हमें अपने विभाग के बारे में स्पष्टीकरण देने और जवाब देने का मौका नहीं देते थे।”
“जब मैं शामिल हुआ तो ज्यादातर गेंदबाज अनुभवहीन थे और मैंने उनके साथ बहुत मेहनत की। हसन अली, शादाब खान, शिनवारी और शाहीन- सभी मेरे समय के दौरान नए खिलाड़ी के रूप में आए थे और उन्होंने कड़ी मेहनत कर अच्छा प्रदर्शन किया।”
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