आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताबी मुकाबला होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। 18 जून से 22 जून के बीच भारत और न्यूजीलैंड के बीच ये फाइनल जंग होने जा रही है। इस ऐतिहासिक मुकाबले को लेकर भारत और न्यूजीलैंड दोनों ही टीमें पूरी तरह से तैयार हैं, जो खिताब की तरफ नजर गड़ाए हैं।
विराट कोहली और केन विलियम्सन एक बार फिर से तैयार
एक तरफ भारतीय क्रिकेट टीम की कमान विराट कोहली के हाथ में है, तो वहीं कीवी टीम की कप्तानी केन विलियम्सन संभालेंगे। केन विलियम्सन और विराट कोहली कप्तान के रूप में एक बार फिर से एक बड़े मुकाबले के लिए तैयार हैं।
विराट कोहली और केन विलियम्सन की कप्तानी की प्रतिद्वंद्वीता ये पहली बार नहीं होगी, बल्कि दोनों की कप्तानी की जंग 2008 में अंडर-19 टी20 विश्व कप से ही जारी है। जब सेमीफाइनल में कोहली-केन की टीमों के बीच मुकाबला खेला गया था। इसके बाद 2019 के विश्व कप सेमीफाइनल में भी दोनों का आमना-सामना हो चुका है।
कप्तानी की शैली की होगी परीक्षा
वैसे टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो केन विलियम्सन और विराट कोहली दोनों ने ही अपनी कप्तानी में टीम को जबरदस्त कामयाबी दिलायी है। जहां एक तरफ विराट कोहली काफी गर्म मिजाजी हैं, तो वहीं केन पूरी तरह से ठंडे़े और शांत दिमाग से कप्तानी करते हैं।
ऐसे में दोनों की कप्तानी शैली की यहां पर परीक्षा होने जा रही है, जो भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन का मानना है। मोहम्मद अजहरूद्दीन ने केन-कोहली की कप्तानी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
अजहर ने कहा, दोनों की कप्तानी में हैं अंतर
मोहम्मद अजहरूद्दीन ने कहा कि
“मैं कप्तानों और खिलाड़ियों की तुलना करना पसंद नहीं करता। लेकिन कोहली और विलियम्सन दोनों अलग-अलग हैं और वे काफी सफल भी रहे हैं। दोनों ने अपने अपने देशों के लिए शानदार काम किया है।”
“विलियम्सन ने खुद के लिए और अपनी टीम के लिए भी काफी कुछ किया है, चाहे जो भी संसाधन उनके पास रहे हो। उनके पास काफी क्लास है। वो महानुभाव हैं। यहां तक कि अगर वो मैच भी हारते हैं तो हमेशा से मुस्कुराते रहते हैं, जैसा कि हम 2019 वर्ल्ड कप के फाइनल में देख चुके हैं। अगर और कोई कप्तान होते तो वो अपना आपा खो बैठते, लेकिन वे शांत रहे और उन्होंने हार स्वीकार की।”
केन हैं शांत तो विराट कोहली हैं आक्रमक कप्तान
वहीं अजहरूद्दीन ने आगे कहा कि
“वो कोहली की तरह आक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन बेहतरीन तरीके से अपना काम करते हैं। दोनों कप्तानों ने अपने अपने संसाधानों का अच्छे से इस्तेमाल किया है। कोहली अपनी शैली को लेकर अलग हैं और इसका उन्हें फायदा भी मिलता है।”
“कोहली अलग हैं। उन्हें वो टीम मिली है जिन्हें वो अच्छे से जानते हैं। उनके पास अच्छे गेंदबाज हैं। दोनों ने अपने देशों के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।”