भारतीय टीम इस समय चैम्पियंस ट्रॉफी के अपने ख़िताब को बचाने से अब सिर्फ दो कदम ही दूर रह गयी है , जहां 15 जून को भारतीय टीम का सेमीफाइनल मुकाबला बांग्लादेश से होगा है, जिसके लिए टीम इस मैच में बांग्लादेश को बिल्कुल भी हल्के में लेने की कोशिश नहीं करेंगे और टीम इस मैच को पूरी गंभीरता के साथ खेलेगी और जिस तरह से टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में जीत दर्ज की थी, उससे टीम का आत्मविश्वास भी अब काफी बढ़ गया होगा.सेमी फाइनल मुकाबले से पहले एक बार फिर बांग्लादेश की शर्मनाक हरकत जारी, धोनी के बाद अब कर रहे है तिरंगे का अपमान
इस बार काफी सारे अनुमान गलत साबित हुए चैम्पियंस ट्रॉफी में
इस बार जब चैम्पियंस ट्रॉफी शुरू हुयी थी तो उस समय काफी सारे पूर्व क्रिकेट खिलाड़ियों से जब सेमीफाइनल में पहुँचने वाली टीमों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने ग्रुप ए से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को चुना था तो वहीँ ग्रुप बी से भारत और साउथ अफ्रीका को, लेकिन जिस तरह से बांग्लादेश और पाकिस्तान ने सभी के अनुमान को गलत साबित किया है, उससे तो अब भारत और बांग्लादेश के मैच में अनुमान नहीं लगाया नहीं जा सकता है, लेकिन फिर भी काफी सारे लोगों को ये उम्मीद है कि इस बार भी भारत और इंग्लैंड की टीम के बीच फाइनल मैच देखने को मिलेगा.
युवराज सिंह है कमजोर कड़ी
भारत की टीम का अगला मैच बांग्लादेश की टीम के साथ है, जिसके बाद बांग्लादेश की टीम ने भारतीय टीम की कमजोर कड़ी की ढूंढने का काम किया, जिसमे उन्हें युवराज सिंह इस समय टीम की कमजोर कड़ी के रूप में दिखाई दिए, क्योंकि वे साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में फील्डिंग में जिस तरह से कमजोर नजर आये और श्रीलंका के खिलाफ मैच में भी उन्होंने कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था.भारतीय टीम से बाहर चल रहे हरभजन सिंह ने विराट कोहली नहीं बल्कि इस भारतीय खिलाड़ी को बताया अफ्रीका के खिलाफ मिली जीत का हीरो
भारत के खिलाफ चार तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकता है बांग्लादेश
बांग्लादेश की टीम भारत के खिलाफ होने वाले मैच में चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतर सकता है, जिसमे कप्तान मशरफे मुर्तजा के अलावा मुस्ताफिजुर रहमान, तस्कीन अहमद और रूबल हुसैन को ताकि वे रोहित शर्मा और शिखर धवन के आलवा विराट कोहली पर अटैक करके उन्हें जल्द आउट कर सके और भारतीय मध्यक्रम पर दबाव बनाने में कामयाब हो सके.ऑस्ट्रेलिया के इस दिग्गज खिलाड़ी ने खुद बताया ऑस्ट्रेलिया की लगातार हार का कारण