क्रिकेट में जितना अहम किरदार सलामी बल्लेबाजों का होता है, उतनी ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मध्यक्रम के बल्लेबाजों की भी होती है। सलामी बल्लेबाज जहाँ मैच की शुरुआत करते है, तो मध्यक्रम के बल्लेबाजों के ऊपर मैच को अंत तक ले जाने का कार्यभार और दबाव रहता है। मध्यक्रम के बल्लेबाज ही होते हैं जो या तो मैच जीता सकते हैं, या फिर मैच हरा सकते है। यह सब उनके मैच में चलने वा न चलने पर निर्भर होता है।
क्रिकेट की दुनिया के कई जानकर अपने बयानों में कह चुके है, कि मध्यक्रम के बल्लेबाज टीम की जीत और हार में सबसे बड़ी भूमिका अदा करता है। क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कईदफा देखने को मिला है, जब हारे हुए मुकाबलें को मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने अपने दम पर जीताया है।
2011 के फाइनल में एमएस धोनी, 2019 के फाइनल में बेन स्टोक्स और 1996 के फाइनल में अरविंदा डी सिल्वा की पारियां इसका सबसे बड़ा सबूत भी है। आज इस लेख के जरिये हम आपको विश्व के उन 5 खिलाड़ियों के नाम बताने जा रहे है, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में मध्यक्रम में सबसे अधिक रन बनाये हैं।
अरविंदा डी सिल्वा
अरविंदा डी सिल्वा श्रीलंका का पूर्व कप्तान व पूर्व प्लेयर थे। ये ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने इंग्लिश काउंटी भी खेला था। अगर इनके बारे में सटीक शब्दों में कहा जाए तो इनको श्रीलंका के महान बल्लेबाजों में गिना जाता है। इनको श्रीलंका में ऐसा ही दर्जा दिया जाता है जैसा कि हमारे देश में सचिन तेंदुलकर को मिलता है।
श्रीलंकाई टीम को सन 1996 विश्व कप जीताने में अरविंद डी सिल्वा का बहुत बड़ा हाथ रहा था। इन्होंने श्रीलंका की तरफ से मिडिल आर्डर में 241 पारियां खेली थी। जिसमें उन्होंने 37.37 के औसत से 7690 रन बनाए थे। उन्होंने अपने टेस्ट मैच की शुरुआत 1984 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ की थी।
अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्हें एक तेजतर्रार लेकिन असंगत बल्लेबाज के रूप में जाना जाता था। उनके जल्दबाजी में शॉट खेलने की प्रवृत्ति के लिए “मैड मैक्स” उपनाम दिया गया था। बाद में उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि “यह मेरा स्वाभाविक खेल है – मैं बदलना नहीं चाहता क्योंकि मुझे लगता है कि मैं इस तरह से खेल रहा हूं। यदि कोई गेंदबाजी में हावी होने में सक्षम है, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। मैं जिस तरह से खेल रहा हूं, वह एक युवा खिलाड़ी था। ”