एनसीए

आईपीएल की तर्ज पर अब दुनियाभर में तमाम देशों में घरेलू फ्रैंचाइजी लीग खेली जाती है. हर क्रिकेट बोर्ड के अपने नियम कानून होते हैं, जिन्हें फॉलो करते हुए ही खिलाड़ियों को खेलना पड़ता है. उसी तरह बीसीसीआई के नियमानुसार, भारतीय खिलाड़ी बिना संन्यास लिए कोई भी खिलाड़ी विदेशी लीग नहीं खेल सकता. तो आइए आज इस आर्टिकल में आपको कारण बताते हैं कि आखिर बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग खेलने से क्यों मना करता है.

बीसीसीआई क्यों नहीं खेलने देता विदेशी लीग?

बीसीसीआई

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भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नियमानुसार भारतीय खिलाड़ी बिना संन्यास विदेशी लीग नहीं खेल सकता. असल में भारतीय खिलाड़ियों को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी काफी अधिक पसंद किया जाता है. ऐसे में यदि कोई भारतीय खिलाड़ी आईपीएल के अलावा विदेशी लीग खेलता है तो, वह लीग का प्रचार होगा और ये बीसीसीआई नहीं चाहता.

भारत के जिन खिलाड़ियों के पास सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, उनकी भी फैन फॉलोइंग इतनी है कि वह आसानी से किसी भी लीग में फैंस को आकर्षित कर सकते हैं और बीसीसीआई नहीं चाहता है कि हमारे देश के खिलाड़ी दूसरे देश की लीगों को फेमस करें. हालांकि बीसीसीआई ने इस तरह का कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

भारतीय खिलाड़ियों को है फर्स्ट क्लास व लिस्ट ए की अनुमति

भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं है. लेकिन भारतीय खिलाड़ी यदि चाहे तो वह विदेश में प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए मैच खेलने की अनुमति है क्योंकि इसे देखने में अधिक दर्शक रुचि नहीं दिखाते हैं. जिसका अर्थ है कि वे वास्तव में इस लीग को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं. बताते चलें, चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन, मुरली विजय, इशांत शर्मा, प्रज्ञान ओझा जैसे खिलाड़ी काउंटी क्रिकेट खेलते हैं.

भारतीय खिलाड़ी चाहते हैं विदेशी लीग खेलना

बीसीसीआई

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भारत के जिन खिलाड़ियों के पास सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट है उन्हें छोड़कर बाकी खिलाड़ी जिनके पास सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं हैं. वह विदेशी लीग खेलना चाहते हैं. क्वारेंटाइन दिनों में लाइव चैट के दौरान सुरेश रैना ने इरफान पठान के साथ इस बात की इच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर चल रहे खिलाड़ियों को विदेशी लीग खेलने की अनुमति मिलनी चाहिए,

जिसपर इरफान ने भी हामी भरी थी. इसके अलावा रॉबिन उथप्पा ने भी कहा कि हमें विदेशी लीग खेलने दी जाए. हालांकि रैना के बयान के बाद बीसीसीआई ने साफ कहा था कि ये नियमों के खिलाफ है.

बताते चलें, भारत के युवराज सिंह, मनप्रीत गोनी, मौनीष मिश्रा, रतिंदर सिंह सोढ़ी आदि खिलाड़ी विदेशी लीग खेलते नजर आते हैं, क्योंकि इन्हें बीसीसीआई ने एनओसी दिया हुआ है.