आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी जून की पहली तारीख से खेली जानी है। इससे पहले बीसीसीआई और आईसीसी के बीच खींचतान की स्थिति बनी हुई है। हालांकि इसे बीसीसीआई इसे साफ तौर पर नहीं माना है। पंजाब और मुंबई के खिलाफ होने वाले मैच से पहले पिच क्यूरेटर ने की एक बड़ी भविष्यवाणी, मैक्सवेल से लेकर रोहित तक सबका चलेंगा बल्ला
बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी का कहना है कि आईसीसी ने भारत को 400 मिलियन डॉलर राजस्व देने की पेशकश की थी। लेकिन इसे विश्व क्रिकेट के नजरिये से देखा जाये तो कम है। उन्होंने ईएसपीएन स्पोर्ट से बात करते हुए कहा, ”यह भारत के लिहाज से काफी कम है, इसलिए इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया है। भारत विश्व क्रिकेट को 70 प्रतिशत राजस्व देता है, जो कि बाकी सबसे ज्यादा है।”
बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव का कहना है, कि भारत को विश्व क्रिकेट में भारत 70 प्रतिशत राजस्व देता है, जो कि सबसे ज्यादा है। इसलिए भारत को विश्व क्रिकेट के राजस्व का सबसे ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए। उन्होंने इस बात का जिक्र कहते हुए कहा, ”आप यह क्यों भूल जाते हैं, कि विश्व क्रिकेट को राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा भारत से मिलता है। इसलिए भारत की हिस्सेदारी पर किसी तरह भ्रम नहीं होना चाहिए।” हाशिम अमला ने इस साल के आईपीएल में सभी को चौकाते हुए, डिविलियर्स, धोनी और कोहली को पछाड़ा
दरअसल आईसीसी ने गुरूवार को बिग थ्री सिस्टम हटा दिया है। इसके तहत 2016 से 2023 तक भारत को 570 मिलियन डॉलर राजस्व मिलना था। लेकिन अब एक नए आर्थिक ढांचे को लागू किया है, इसमें भारत को 293 मिलियन डॉलर राजस्व ही मिल पायेगा। इस फॉर्मूले के हिसाब से भारत को काफी नुकसान होगा।
वहीं इसके इतर बीसीसीआई के चेयरमैन शशांक मनोहर ने भी आईसीसी को इस फॉर्मूले के समान्तार एक फॉर्मूला बताया था। इसे भी आईसीसी ने स्वीकर नहीं किया था। मनोहर ने फरवरी में पहली बार एक आर्थिक ढांचा पेश किया था और इसे भी आईसीसी ने स्वीकार नहीं किया था।