सट्टेबाजी को लेकर बीसीसीआई बड़ा कदम उठाने के चक्कर में 1

आने वाले दिनों में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड सट्टेबाजी को लेकर कड़ा कदम उठाने के बारे में सोच रहा है और इसके खिलाफ वह आरटीआई की अर्जी दाखिल करने के लिए मन बना लिया है. किकेट मैच हो या कोई और खेल हर क्षेत्र में सट्टेबाजी होती है और सटोरी पकड़े जाते हैं जिसके बाद उन्हें सजा होती है.

इन सबको देखते हुए बीसीसीआई क्रिकेट में सट्टेबाजी को क़ानूनी बनाने के लिए विचार विमर्श कर रहा है और वह जल्द ही लोगो से इसके बारे में उनकी राय जानना चाहता है. बीसीसीआई कुछ भी फैसला लेने से पहले एक बार जनता से उनके विचार जानना चाहता है फिर ही आगे कुछ करेगा.

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क्रिकेट में सुधार के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने सट्टेबाजी को लेकर जो कानून बनाये थे बीसीसीआई ने उस पर सूचना के अधिकार के तहत आरटीआई से इस मुद्दे पर विचार करने के लिए आयोग को पत्र भेजा था. सट्टेबाजी क्रिकेट में अभी कानूनन अपराध है और कई दिग्गज क्रिकेटरों का करियर इसकी भेंट चढ़ चूका है. सट्टेबाजी को लेकर अदालत में अभी बहुत से मामले चल रहे हैं.

भारत को छोड़कर कई ऐसे देश हैं जहाँ पर सट्टेबाजी को क़ानूनी घोषित कर दिया है इनमे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का नाम पहले आता है. विधि आयोग इन देशों की तरह इसे भारत में भी क़ानूनी बनाने के बारे में विचार कर रहा है.

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पिछले महीने फिक्की में बैठक के दौरान इस मामले में चर्चा भी हुई थी और इसमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया था. उस बैठक में इंग्लिश की कंपनी बेट 365 के अलावा ऑस्ट्रलिया में सट्टेबाजी को रेगुलेट करने वालों ने इसमें शिरकत की थी.

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विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान ने बातचीत के दौरान कहा,

“वैसे तो रेस , घुड़दौड़ में बैटिंग गैर कानूनी नहीं है लेकिन सट्टेबाजी के मामले के दो पहलू होते हैं नैतिकता और कानून जिन पर विचार होना है. इन दोनों को ध्यान में रखते हुए जिस खेल पर शर्त लगायी जाती है उसमे कुशलता या स्किल जुड़ी होती है या फिर सिर्फ संयोग से वह जीतता है. अगर स्किल जुड़ी होती है तो वह क़ानूनी होता है, जो घुड़सवारी में होता है वहाँ घोड़े की स्किल और घुड़सवार दोनों की काबिलियत शामिल होती है. कार रेस में भी यह बात लागू होती है.” 

बीसीसीआई कोई भी कदम बिना जनता के विचारों को जाने नही लेगी चौहान ने यह बात भी कही.