जब से अनिल कुंबले को भारतीय टीम का कोच बनाया गया है, तभी से भारतीय खिलाड़ियों का एक दुसरे के उपर आरोप लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है, जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.
पहले कोच न बनाये जाने से खफा शास्त्री ने सौरव गांगुली पर आरोप लगाया, कि सौरव गांगुली का व्यवहार अनुचित है उनके कारण हिम मै भारतीय टीम का कोच नहीं बना, जब मेरा इंटरव्यू चल रहा था, उस समय वो वहाँ मौजूद नहीं थे और कही और चले गये थे.
शास्त्री के बयान के बाद अपने उपर लगे इस आरोप पर पहले गांगुली ने सफाई दिया, कि बीसीसीआई को यह बात पता थी, उस समय मै कैब के एक मीटिंग में व्यस्त था इसलिए उस वक्त उपस्थित नहीं हो सका.
अपनी सफाई देने के साथ ही गांगुली ने शास्त्री की तीखी आलोचना करते हुए कहा था, कि “अगर शास्त्री को ऐसा लगता है, कि वो मेरे वजह से भारतीय टीम के कोच नहीं बन पाये, तो वो बेवकूफों की दुनिया में रह रहे है.उन्हें मीटिंग में मौजूद होना चाहिए था, न कि विदेशो में जाकर छुट्टीयों का आनन्द लेना चाहिए था.”
इसके बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजेकर ने ट्वीट के माध्यम से गांगुली का पक्ष लेते हुए शास्त्री को करारा जबाब देते हुए कहा था, कि “मुझे लगता है कि सौरव से अधिक रवि पद के लिए नहीं चुने जाने से खफा है. यह उनके लिए नया अनुभव है. बीसीसीआई ने कोच के रूप में बेहतर व्यक्ति को चुना.”
संजय मांजेकर के इस बयान के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर और अपने समय के प्रसिद्ध गेंदबाज बिशन सिंह बेदी ने शास्त्री का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, “कोच पद के लिए नहीं चुने जाने के अलावा रवि शास्त्री का चयन प्रक्रिया पर नाराजगी जताना सही है जहां एक चयनकर्ता अनुपस्थित हो गया. वह बोर्ड से ऊपर तो नहीं है.”