बर्थडे स्पेशल:आखिर कैसे पड़ा कुंबले का जंबो नाम, जानिए इसके पीछे की बेहद रोचक कहानी!! 1

17 अक्टूबर 1970 में जन्मे अनिल कुंबले ने अपना 47वां बर्थडे कल सेलीब्रेट किया। भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे महान गेंदबाज के रूप में खुद को स्थापित करने वाले अनिल कुंबले का उपनाम जंबो था, जिसको लेकर उनके साथी और टीम के सभी खिलाड़ी क्रिकेट के मैदान पर उन्हें इसी नाम से हमेशा बुलाते थे।

जंबो नाम पड़ने के पीछे रोचक कहानी

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कुंबले के जंबो नाम पड़ने के पीछे की स्टोरी काफी रुचिकर है। यह किस्सा उस वक्त का है, जब ईरानी ट्राॅफी में दिल्ली के कोटला मैदान पर रेस्ट आॅफ इंडिया की और से सिद्धू मिड आॅन पर खड़े होकर फील्डिंग कर रहे थें। इसी दौरान स्पिनर कुंबले ने गेंदों में उछाल मारते हुए बाॅलिंग विपक्षी टीम के बल्लेबाज को कर दी।

जिसे देखकर फील्डिंग कर रहे सिद्धू ने उन्हें जंबो जेट कह दिया। क्रिकेटर सिद्धू द्वारा बोला गया यह शब्द उनके उपनाम के रूप में काफी लोकप्रिय हो गया, हालांकि उनके द्वारा जंबो जेट से जेट तो हट गया, पर नाम के साथ जंबो उपनाम हमेशा के लिए जुड़ गया।

जबरदस्त रहा अर्न्तराष्ट्रीय टेस्ट कैरियर

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भारतीय टीम के लीजेण्ड स्पिनर अनिल कुबंले ने अपने अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर में भारतीय टीम की तरफ से कई विश्व कीर्तिमान बना चुके हैं.

बात अगर उनके अर्न्तराष्ट्रीय टेस्ट पर किया जाए तो इस दिग्गज गेंदबाज ने अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान कुल 132 टेस्ट मैच खेलकर 29.65 के शानदार औसत से कुल 619 विकेट हासिल कर विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया।

इस दौरान उन्होंने 35 बार 5 या उससे अधिक विकेट लिया और 8 बार 10 विकेट लेकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया।

कोहली-कुम्बले विवाद छायी रही मीडिया में

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गौरतलब है कि, अनिल कुंबले भारतीय टीम के मुख्य कोच की भूमिका में भी रह चुके हैं। जिसमें एक दौर ऐसा भी आया, जब उनकी टीम इण्डिया के कप्तान विराट कोहली से बिल्कुल भी नहीं बनने लगी और दोनों के बीच की दरार अक्सर मीडिया में सुर्खियों में छाने लगी.

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इसको लेकर उन्होंने खुद अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा था कि, ‘उन्हें एक दिन पहले बीसीसीआई से पता चला कि कोहली को उनके काम करने के तरीके से दिक्कत है, इसीलिए वह उन्हें कोच के तौर पर टीम में नहीं देखना चाहते। हालांकि मै भारतीय टीम के कोच के पद को पाकर काफी खुश हूं और अब वह समय आ चुका है, जब मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त हो जाना चाहिए।’