भारत और इंग्लैंड के बीच हुए दूसरे वनडे मैच को 86 रनों से जीतकर मेजबान टीम ने 3 मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम ने जो रुट के 113 और डेविड विली के ताबड़तोड़ पारी की बदौलत 50 ओवरों में 7 विकेट पर 322 रन बनाये।
जबाव में खेलने उतरी टीम इंडिया शुरुआत से ही जूझती नजर आई और 60 रनों तक पहुँचने में टीम के तीन मुख्य बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। भारतीय टीम इन झटकों से उभर नहीं पायी और पूरी टीम 236 रनों पर ऑल आउट हो गई।
नहीं चला भारत का मध्यक्रम
मध्यक्रम भारतीय टीम के लिए लगातार परेशानी बना हुआ है। टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह टॉप-3 पर निर्भर हो चुकी है। रोहित, धवन और कोहली के फेल होने का मतलब हो गया है, टीम की करारी हार और कल भी मैच में ऐसा ही हुआ।
रन बनाने के लिए जूझते दिखे धोनी
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पूरे आईपीएल में शानदार बल्लेबाजी की थी और उनकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल चैंपियन भी बनी थी लेकिन धोनी वनडे में वह फॉर्म जारी नहीं रख पाए। मैच के दौरान धोनी ने अपना दस हजार वनडे रन पूरा किया, लेकिन एक समय भी ऐसा नहीं लगा कि वह लय में बल्लेबाजी कर रहे हैं। यही कारण है कि इंग्लैंड ने आसानी से मैच जीत लिया।
धोनी के बचाव में आए चहल
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल धोनी का बचाव करते नजर आये। चहल ने कहा कि नीचे कोई ऐसा बल्लेबाज नहीं था जो टीम को संभल सकता था और धोनी को अभी तक दौरे में बल्लेबाजी करने का कुछ खास मौका नहीं मिला है। इसी वजह से उन्हें पास मौका था कि वह पिच और कंडीशन को भी समझ लें।
चहल ने आगे कहा “अगर धोनी वहां तेजी से रन बनाने के चक्कर में आउट हो जाते तो टीम पुरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाती।”
चहल का कहना भी सही है, लेकिन धोनी जिस तरह के खिलाड़ी हैं और उसके बाद 59 गेंदों में 37 रन बनाना उनकी छवि से बिलकुल अलग है। अब उनपर जिम्मेदारी होगी कि शानदार वापसी करते हुए अपने आलोचकों को करारा जबाव दें।