रणजी ट्रॉफी 2019-20 का फाइनल मुकाबला सौराष्ट्र और बंगाल की टीम के बीच खेला गया. यह मुकाबला ड्रा रहा है, लेकिन पहली पारी के बढ़त के आधार पर सौराष्ट्र की टीम रणजी चैंपियन बन गई है. यह इतिहास में पहली बार है, जब सौराष्ट्र की टीम ने रणजी ट्रॉफी जीती है. टीम की इस शानदार जीत में कप्तान जयदेव उनादकट ने शानदार भूमिका निभाई है.
जयदेव ने पूरे सीजन में लिए 67 विकेट
जयदेव उनादकट ने इस पूरे सीजन में शानदार गेंदबाजी का नमूना पेश किया और कुल 67 विकेट हासिल किये हैं. किसी एक तेज गेंदबाज द्वारा यह रणजी ट्रॉफी के किसी एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट है. उनके इस शानदार प्रदर्शन के बाद क्रिकेट के कई जानकार उनकी भारतीय टीम में वापसी की मांग कर रहे हैं.
सुनील जोशी ने की जयदेव उनादकट की तारीफ
भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता सुनील जोशी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सौराष्ट्र को बधाई! जयदेव उनादकट की शानदार कप्तानी और उनके द्वारा इस सीज़न लिए गए 67 विकेट ने टीम की अगुवाई का एक शानदार उदाहरण पेश किया है. चेतेश्वर पुजारा ने भी अपने शांत प्रभाव और टीम को मुश्किल में संभालने का अनुभव दिखाया है.”
Congratulations to @saucricket! Special mention to @JUnadkat, for his exceptional captaincy skills and being the true leader by picking up 67 wickets this season and setting good example for the team! @cheteshwar1 for his calming influence & his experience to handle the team! pic.twitter.com/nDkKOQA3Hr
— Sunil Joshi | ಸುನಿಲ್ ಜೋಶಿ (@SunilJoshi_Spin) March 13, 2020
10 साल बाद टेस्ट टीम में हो सकती है वापसी
सुनील जोशी के इस ट्वीट के बाद कहीं ना कहीं संकेत मिल रहे हैं कि जयदेव उनादकट की 10 साल बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी हो सकती है. यह गेंदबाज भारत के लिए सिर्फ 1 टेस्ट मैच साल 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला है, जिसमे उन्हें कोई भी विकेट हासिल नहीं हो पाया था. हालांकि अब वह अच्छी लय में है और 10 साल बाद एक बार फिर वह भारत की टेस्ट टीम में नजर आ सकते हैं. भारत के लिए अंतिम टी-20 मैच उन्होंने 2018 में खेला था.
रणजी ट्रॉफी जीत के बाद जयदेव उनादकट ने अपने एक बयान में भारतीय टीम में वापसी को लेकर कहा था कि “टीम इंडिया में वापसी के लिए मेरी भूख पहले जैसी ही है. यह बेताबी अब और ज्यादा बढ़ गयी है और यह मुझे पूरे सत्र में प्रोत्साहित करती रही है. ईमानदारी से कहूं तो सत्र में शानदार खेलने के लिये शारीरिक रूप से काफी चुनौतियां रहीं, लगभग प्रत्येक मैच में तेज गेंदबाज के तौर पर इतने लंबे स्पैल फेंकना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है.”