शुक्रवार, 17 मार्च को व्यवस्थापकों की समिति दिल्ली में बीसीसीआई के अधिकारी और राज्य संघ के अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने पिछले साल मुंबई में हुई स्पेशल जनरल मीटिंग की रिकॉर्डिंग देखी. बीसीसीआई ने बनाया नई योजना जिसके तहत महिला और जूनियर टीमों को होगा फायदा
इस बैठक में हरियाणा राज्य संघ का प्रतिनिधित्व कर रहे अनिरुद्ध चौधरी ने शशांक मनोहर के प्रस्ताव का समर्थन किया, कि बीसीसीआई को आईसीसी से अपने राजस्व कटौती करने के लिए सहमत होना चाहिए.
अभी कुछ समय पहले राज्य संघ की तरफ़ से बीसीसीआई और व्यवस्थापकों की समिति के लिए एक संदेश आया था, जिसमें राज्य संघ के अध्यक्षों का कहना था, कि बीसीसीआई से बहुत समय न मिल रहे फण्ड की वजह से वह आईपीएल के मैचों की मेजबानी करने में असमर्थ रहेंगे. आईपीएल-2017 में बीसीसीआई करा सकती है इस दिग्गज की एक साल बाद एक बार फिर वापसी
राज्य संघ के इस फैसले पर व्यवस्थापकों की समिति ने कहा, “क्या आप वास्तव में ऐसा सोचते है, कि इस तरह से आप इतने बड़े टूर्नामेंट को बाधित कर सकते है. क्या आपने सोचा है, इससे क्या होगा और इसका परिणाम क्या होगा.”
उसके बाद बीसीसीआई के पूर्व सहायक अध्यक्ष कृष्णा पोफ़ले ने भी अपनी बकाया सैलरी को लेकर बीसीसीआई के मुख्य फाइनेंसियल ऑफिसर संतोष रंगनेकर से कहा, “मुझे बीसीसीआई से अलग हुए बहुत समय हो चुका है और उसके बावज़ूद भी अभी तक हमें हमारी बकाया सैलरी नहीं मिली है. यह पूरी तरह से अनप्रोफेशनल है. पहले तो मुझे बीसीसीआई की तरफ़ से बाहर होने का कोई नोटिस नहीं मिला, सीधा मुझे यह खबर अख़बार से मिली, यह भी बहुत गलत था.” बीसीसीआई के इस फैसले के कारण क्वाटर फाइनल से बाहर हुए मोहम्मद शमी
कृष्णा पोफ़ले ने गुस्सा करते हुए कहा, “अगर अगले हफ्ते तक मुझे मेरी बकाया सैलरी नहीं मिली, तो मैं बीसीसीआई के खिलाफ़ सिविल और आपराधिक कार्यवाही शुरू करूँगा.”