खिड़कियों के शीशे तोड़ने पर इस खिलाड़ी को मिलते थे पैसे, पत्नी है बेहद ही खुबसुरत 1

न्यूज़ीलैण्ड के बल्लेबाज कॉलिन मुनरो टी20 क्रिकेट में दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज हैं. उनके नाम टी20 में सबसे अधिक शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है, हाल ही में मुनरो ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरा शतक जड़ दिया. मुनरो का करियर बेहद ही चुनौतियों से भरा रहा है. एक समय तो उन्होंने क्रिकेट से दूरी तक बनाने की सोच ली थी.

कई चुनौतियों को पार कर पाया है यह मुकाम-

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न्यूज़ीलैण्ड के लिए खेलने वाल इस खिलाड़ी का जन्म 11 मार्च 1987 को डरबन (दक्षिण अफ्रीका) में हुआ. वे 4 भाइयों में सबसे छोटे थे. जब मुनरो की उम्र 15 साल थी, तब उनका परिवार न्यूजीलैंड शिफ्ट हो गया. यहीं पर उन्हें क्रिकेट खेलने की रूचि उत्पन्न हुई.

न्यूज़ीलैण्ड के इस बल्लेबाज की किस्मत ने कई बार खेल किया, कभी चोंटिल हो गया तो कभी किसी गलती के कारण तो कई बार चयनकर्ताओं  की अनदेखी का शिकार हुआ. कड़ी मेहनत के बाद 2012 में न्यूज़ीलैण्ड टीम में जगह पाई, इसके बाद अपने प्रदर्शन के बूते सीमित ओवरों की क्रिकेट टीम का नियमित खिलाड़ी बन गया.

माँ खिड़कियों के शीशे फोड़ने पर देती थी पैसा-

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मुनरो का क्रिकेट के प्रति रुझान और टैलेंट सबसे पहले उनकी माँ ने पहचाना. मुनरो की माँ उन्हें लम्बे लम्बे छक्के लगाने के लिए प्रेरित करती थीं. उनकी मां सिक्स लगाने और खिड़कियां तोड़ने के लिए मुनरो को एक्स्ट्रा पॉकेट मनी देती थीं.

गेंदबाजी करते हुए किया था डेब्यू-

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मुनरो भले ही आज एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में पहचाने जा रहे हों, लेकिन उन्होंने अपने क्रिकेट की शुरुआत एक गेंदबाज के तौर पर की थी. मुनरो ने साल 2006 में अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड की ओर से खेला. उन्होंने 19 साल की उम्र में बतौर बॉलर फर्स्ट क्लास डेब्यू किया.

उन्होंने लगातार तीन साल अच्छा प्रदर्शन किया इसके बावजूद भी उन्हें नजरअंदाज किया गया और टीम में नहीं चुना गया. जिसके बाद वे क्रिकेट छोड़ने के बारे में सोचने लगे थे. तब उनके दोस्त कार्ल केचोपा ने उन्हें क्लब क्रिकेट खेलने की सलाह दी. मुनरो ने यह सलाह मान क्लब क्रिकेट खेला.

दो साल क्लब खेलने के बाद साल 2012 में टी 20 टीम में चुना गया बाद में वह वनडे और टेस्ट टीम का भी हिस्सा बन गये.

prashant

PROUD INDIAN,..CRICKET LOVER...