"क्रिकेट कोई खेल नहीं है" इस शक्तिशाली देश ने किया क्रिकेट की बेईज्ज़ती 1

‘क्रिकेट कोई खेल नहीं है’ अब आप सोच रहे होंगे कि यह गलत लिखा है पर नहीं यह एकदम सही है और अब यह बात सिर्फ हम नही रूस ने भी बोल दिया है, एक तरफ दुनिया भर के लोगों में अब तक विश्व कप का खुमार उतरा भी नहीं है, वहीं दूसरी ओर अब रूस जैसे शक्तिशाली देश ने क्रिकेट को खेल मानने से मना कर दिया है. अब बताते हैं आपको की क्या है इसकी वजह, और किन खेलों को उसने दिया है खेल का दर्जा.

इन कारणों से इस शक्तिशाली देश ने क्रिकेट को नहीं माना खेल

क्रिकेट

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फुटबॉल के बाद क्रिकेट दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता है. अभी इस क्रिकेट का बुखार सब पर चढ़ कर बोल रहा था, इंग्लैंड इस बार विश्व कप विजेता भी बनी.

क्रिकेट को खेल मानने से  मना उस देश ने किया है जो खुद 1870 से क्रिकेट खेल रहा है और 2017 में ही आईसीसी ने उसे एसोसिएट मेंबर का दर्जा दिया था.

रूस के खेल मंत्रालय ने क्रिकेट को एक खेल मानने से मना कर दिया है, जिसका मतलब यह है कि क्रिकेट को रूसी सरकार द्वारा रूस में आर्थिक सहयोग नहीं मिलेगा.

रूस के एक सरकारी पत्र में क्रिकेट के अलावा म्यूथाई, बॉक्सिंग का एक रूप है उसे भी खेल मानने से मना कर दिया है. ये दोनों ही खेल रूस सरकार के उन मापदंडोंं को पूरा नहीं करते जो खेल माने जाने के लिए ज़रूरी हैं.

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इनको दिया गया खेल का दर्ज़ा

"क्रिकेट कोई खेल नहीं है" इस शक्तिशाली देश ने किया क्रिकेट की बेईज्ज़ती 2

अब आप सोच रहे होंगे कि अगर रूस ने क्रिकेट को खेल नहीं माना है तो जरुर खेल की श्रेणी में उसने कुछ रोमांचक खेलों को रखा होगा पर ऐसा भी नहीं है, क्योंकि दूसरी तरफ, फुटगोल्फ़, स्पोर्ट्स योगा, मॉडल प्लेन फ़्लाइंग, डार्ट्स, और कोर्फबॉल को खेल होने का दर्जा प्राप्त है. ये कुछ ऐसे खेल हैं जिनके बारे में आधी से ज़्यादा दुनिया जानती भी नहीं हैं .