क्रिकेट के मैदान में एक व्यक्ति अम्पायर सर्वेसर्वा होता है. उसके द्वारा दिए गये निर्णय को दोनों टीमों को स्वीकारना होता है. वो फिर चाहे किसी टीम के समर्थन में फैसला गया हो या किसी के विपक्ष में. आप कभी भी अम्पायर के निर्णय को गलत नहीं ठहरा सकते है. बड़े से बड़ा खिलाड़ी अम्पायर के फैसले को गलत तरीके से चुनौती नहीं दे सकता है, कोई खिलाड़ी निर्णय के विरुद्ध भी नहीं जा सकता है.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले सालों में कई अंपायर आए और उनमें से कुछ अंपायरों ने तो दर्शकों का भी दिल जीत लिया. अंपायरों की जीवनशैली भी बड़ी गजब होती है, उन्हें सालाना वेतन के अलावा हर मैच की फीस भी दी जाती है. क्रिकेट के मैदान पर ये जेंटलमैन कहे जाने वाले दो लोगों को बड़े से बड़े खिलाड़ी द्वारा सम्मान प्रदान किया जाता है.
कई क्रिकेट के जानकार इस प्रोफेशन में आने के लिए आतुर रहते है, लेकिन उनको इस बात की जानकारी ही नही होती कि इस प्रोफेशन में आने के लिये उनके लिए किस तरह की तैयारी की आवश्यकता है.
मैच शुरू होने के पहले क्या करते है अम्पायर
जिस दिन मैच निर्धारित होता है उस दिन अम्पायर मैदान पर पहुंचकर मैदान का परीक्षण करते है. इसके बाद वह पिच अधिकारियों से बातचीत करते है. पूरे मैदान का निरिक्षण करने के बाद वह घोषणा करते है, मैच के शुरू होने से लेकर ख़त्म होने तक की जानकारी अम्पायर द्वारा ही दी जाती है.
इसके अलावा खेल शुरू होने के साथ अंपायर खिलाड़ी के आउट होने, छक्के, चौके, वाइड/नो बॉल, आदि की जानकारी विभिन्न इशारों के द्वारा जानकारी देते है. इसके अलावा अगर खिलाड़ी को रौशनी से समस्या हो रही होती है, तो वह इस संबंध में स्क्वेयर लेग अंपायर से बातचीत करता है. क्रिकेट अंपायर को हर राष्ट्रीय स्तर के मैचों में प्रति मैच के आधार पर 10,000 रुपए दिए जाते हैं. जबकि लोकल स्तर पर उसका वेतन 800 रुपये प्रति मैच होता है.
अम्पायर बनने के लिए मानक
क्रिकेट में हो या किसी अन्य खेल में हर जगह किसी भी विभाग में आपको चयन के लिए उनके मानको से होते हुए गुजारना पड़ेगा, जिसमें आपके खरा उतरने की चुनौती होगी.
- मौजूदा समय में आप अगर अम्पायर बनने के लिए तैयार है तो आपको क्रिकेट के 42 नियमों को जानना आवश्यक है.
- खेल की अच्छे से परख होनी चाहिए आपसे उम्मीद की जाती है, कि आपके द्वारा दिए गये निर्णय सही साबित हो, जिससे किसी भी टीम को नुकसान होने की संभावना कम रहे.
- अम्पायर को इस प्रकार के स्वभाव का होना चाहिए की वह मैदान में खिलाड़ियों के बीच होने वाली उलझनों के समय परिस्थिति को संभाल सके.
- अम्पायर को खेल के मैदान पर शालीनता का प्रदर्शन करना चाहिए.
कैसे बने अम्पायर
अंपायर बनने के लिए राज्य स्तरीय स्पोर्ट बॉडियों द्वारा समय-समय पर प्रायोगिक व लिखित परिक्षाएं आयोजित की जाती हैं. इन परीक्षा में बैठने वाला व्यक्ति अगर इस टेस्ट को पास कर लेता है, तो वह बीसीसीआई द्वारा आयोजित की जाने वाली अम्पायरिंग परीक्षा में बैठने के योग्य हो जाता है. अगर व्यक्ति इस दूसरे स्तर की परीक्षा को पास कर लेता है. तो उसे बीसीसीआई पैनल के लिए चुन लिया जाता है. और कुछ दिनों तक राष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करने के बाद व्यक्ति को अंतराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करने का मौका दिया जाता है.
अम्पायरिंग करने वाले व्यक्ति को मैदान से लेकर बाहर तक खूब यश प्राप्त होता है.
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