जब से फ़्रेंचाइज़ क्रिकेट अस्तित्व में आया है तबसे तमाम टी20 लीग्स (T20 Leagues) के बीच एक अलग ही तरह की प्रतिद्वंदिता देखने को मिली है. अगर वक़्त में थोड़ा और पीछे जाएं तो पता चलता है कि इन तमाम फ़्रेंचाइज़ क्रिकेट लीग्स की शुरुआत की एक बड़ी वजह 2008 में भारत में शुरु हुई आईपीएल (IPL) थी.
इसके बाद दुनिया में अलग-अलग देशों में अलग फ़्रेंचाइज़ क्रिकेट लीगों की शुरुआत हुई. इसी सिलसिले में सरहद पार भारत के पड़ौसी पाकिस्तान ने भी अपनी एक टी20 लीग पीएसएल (Pakistan Super League) शुरु की. आईपीएल की तर्ज पर पीएसएल में भी दुनिया भर के क्रिकेटर्स हिस्सा लेते हैं. लेकिन अब इन दोनों लीगों की तुलना में साउथ अफ़्रीका के दिग्गज गेंदबाज़ डेल स्टेन ने एक बड़ा बयान दिया है.
डेल स्टेन ने आईपीएल की तुलना में पीएसएल को बताया बेहतर
साउथ अफ़्रीका के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ डेल स्टेन ने पाकिस्तान सुपर लीग की तारीफ़ करते हुए इस लीग को क्रिकेट के संदर्भ में ज़्यादा पुरष्कृत माना तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने ये भी कहा कि आईपीएल (Indian Premier League) में क्रिकेट से ज़्यादा अहमियत पैसे की है.
क्रिकेट पाकिस्तान के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में डेल स्टेन ने दुनिया की कई फ़्रेंचाइज़ क्रिकेट लीगों की तुलना की. इसी सिलसिले में साउथ अफ़्रीकी दिग्गज ने पीएसएल और एसएलपीएल को आईपीएल की तुलना क्रिकेट पर ज़्यादा फ़ोकस करने वाली लीग बताया.
आईपीएल में पैसों पर होता है पूरा फ़ोकस – डेल स्टेन
स्टेन ने लीग्स को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर इंटरव्यू में कहा कि,
“मैं कुछ वक़्त चाहता था. मैंने ये महसूस किया कि बाकी लीग्स में खेलना आपके लिए बतौर खिलाड़ी आपको उचित पुरस्कृत करता है. लेकिन जब आईपीएल में जाते हैं तो वहीं इतनी बड़ी टीम्स होती हैं, काफ़ी नामी क्रिकेटर्स होते हैं और वहाँ सबसे ज़्यादा फ़ोकस इस बात पर होता है कि कोई खिलाड़ी कितने पैसे कमा रहा है.
और इसी तरह की तमाम चीज़ों के बीच आईपीएल के दौरान क्रिकेट को कहीं न कहीं हाशिए पर डाल दिया जाता है. जो कि क्रिकेट के लिहाज़ से एक ज़्यादा बेहतर चीज़ नहीं है.”
PSL और SLPL में क्रिकेट को दी जाती है अहमियत – स्टेन
फिलहाल पीएसएल में क्वैटा ग्लेडिएटर्स के लिए खेल रहे स्टेन ने इंटरव्यू में आगे अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा कि,
“जब आप पीएसएल या एसएलपीएल (Sri Lanka Premier League) में जाते हैं तो वहीं क्रिकेट खासा महत्व दिया जाता है. मैं कुछ ही दिनों से यहाँ हूँ और मेरे कमरे के बाहर लोग इसलिए आते रहते हैं कि वो ये जान सके कि मैं कहाँ और कितना खेला हूँ और मैं क्रिकेट से कैसे हो कर गुज़रा.
लेकिन वहीं दूसरी ओर, जब मैं आईपीएल में जाता हूँ तो ये सारी बातें भुला जाती हैं और बस इसी बात पर ध्यान दिया जाता है कि इस आईपीएल सीज़न या उस आईपीएल सीज़न के लिए आपको कितने पैसे मिले. मैं ईमानदारी से कहूँ तो मैं इस तरह की चीज़ों से दूर रह कर केवल अच्छी क्रिकेट पर फ़ोकस करना चाहता हूँ.”