डीडीसीए ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा, केजरीवाल और आजाद की बातों पर ध्यान ना दे 1

डीडीसीए ने दिल्ली हाई कोर्ट से आग्रह किया है, कि वह मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद के जवाबों को मानहानि के फैसले में ना शामिल करे, क्योंकि उन्होंने इसका जवाब बहुत देरी से दिया है. धोनी की कप्तानी पर बोले टीम के दो युवा गेंदबाज़

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद के ऊपर डीडीसीए ने मानहानि का केस दर्ज़ किया था, क्योंकि अरविन्द केजरीवाल और कीर्ति आज़ाद ने डीडीसिए के ऊपर गलत इल्ज़ाम लगाये थे. उन्होंने कहा था कि डीडीसीए क्रिकेट के लिए मिले फण्ड को सही से इस्तेमाल नहीं करते, वह उस फण्ड को क्रिकेटर्स पर कम और खुद पर ज्यादा खर्च करते है.

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अरविन्द केजरीवाल और कीर्ति आज़ाद के ऐसे बयानों के बाद डीडीसीए ने उन दोनों के ऊपर मानहानि का केस दर्ज़ कराया था और 2 करोड़ रुपये की माँग की थी. उन्होंने केस दर्ज़ करते समय कहा कि अरविन्द केजरीवाल और कीर्ति आजाद के ऐसे बयानों के कारण क्रिकेट की छवि बदनाम हो रही है.

डीडीसीए ने आगे कहा कि अगर ऐसे गलत इल्ज़ाम हम पर लगते रहेंगे, तो इससे जूनियर स्तर के खिलाड़ियों पर गलत प्रभाव पड़ेगा, जो दिल्ली क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है. दिल्ली क्रिकेट से हर बार भारतीय क्रिकेट में अच्छे-अच्छे खिलाड़ी जाते है, अगर हम पर लगे आरोप सही होते तो ऐसा होना मुमकिन नहीं था. कोहली की नजरें डिविलियर्स के स्थान पर

डीडीसीए ने जब यह केस दर्ज़ किया था, तो उसका जवाब अरविन्द केजरीवाल और कीर्ति आज़ाद दोनों ने बहुत ही देरी से दिया, जिसकी वजह से डीडीसीए ने कहा है, कि उनके देरी से दिये गए बयान को ना सुना जाये.

इस देरी से जवाब का कारण बताते हुए केजरीवाल के वकील संग्राम मलिक ने कहा, कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के और कार्यक्रम में व्यस्त थे, जिसकी वजह से वह इसका जवाब देने में थोड़ा सा लेट हो गए. उसी तरह कीर्ति आज़ाद के वकील ने कहा कि वह संसद में व्यस्त थी.

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