इंडियन प्रीमियर लीग का इतिहास चेन्नई सुपर किंग्स के लिए काफी सुनहरा रहा है। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इस लीग में 3 बार चैंपियन बनने का सौभाग्य हासिल कर चुकी है। तो वहीं टीम ने हर बार एक मजबूत दावेदार के रूप में अपने आपको पेश किया है। इसी तरह से इस बार भी चेन्नई सुपर किंग्स एक मजबूत दावेदार ही मानी जा रही है।
चेन्नई सुपर किंग्स की बढ़ती जा रही हैं मुश्किलें
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इस बार की दावेदार टीम तो है लेकिन जिस तरह से उनके लिए इस आईपीएल में अब तक का प्रदर्शन रहा है उससे तो इस टीम की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
चैंपियन टीम मानी जाने वाली चेन्नई सुपर किंग्स की इस आईपीएल में स्थिति काफी खराब रही है। उन्हें अपने पहले 6 मैचों में 4 हार का सामना करना पड़ा है। इन चार हार से वो अंत तालिका में भी काफी पिछड़ रहे हैं जिससे मुसीबतें बढ़ रही हैं।
केकेआर की चौथी हार ने प्लेऑफ का रास्ता किया मुश्किल
बुधलार को चेन्नई सुपर किंग्स को कोलकाता नाइट राईडर्स ने 10 रन से हरा दिया। इस हार के बाद अब चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आने वाले मैच एक तरह से करो या मरो की स्थिति में होने जा रहे हैं। जहां उनकी एक हार उनकी उम्मीदों को खत्म करती जाएगी।
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए प्ले ऑफ में जाने का रास्ते पूरी तरह से खुले हुए हैं। लेकिन अब उनके बचे 8 मैचों में 6 जीत तो बहुत ही जरूरी हैं तो वहीं उन्हें बाकी टीमों के परिणाम पर भी निर्भर रहना होगा। तभी उनकी बात बन पाएगी।
वापसी की काबिलियत रखती है चेन्नई सुपर किंग्स!
जिस तरह से चेन्नई सुपर किंग्स फिलहाल प्रदर्शन कर रही है, उसे देख उनके लिए लगातार अपनी लय को बरकरार रखना काफी मुश्किल है। ऐसे में क्या ये चौथी हार उनके लिए अब चौथी बार विजेता बनने के सपने को तोड़ देगी?
ये एक बड़ा सवाल है। क्या अब चेन्नई सुपर किंग्स इस सीजन में मजबूती से वापसी कर पाएगी। वैसे इतिहास को देखे तो चेन्नई की टीम ने ऐसी स्थिति में वापसी की है। जहां उन्होंने साल 2010 के सीजन में अपने आखिरी लीग मैच में करो या मरो की स्थिति से मैच जीतकर खिताब तक को हासिल किया।
कप्तान धोनी नहीं दिखा पा रहे हैं फिनिशर रूप
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए इस बार खराब प्रदर्शन में एक बड़ा प्रभाव महेन्द्र सिंह धोनी के द्वारा मैच फिनिश नहीं कर पाने के कारण दिख रहा है। धोनी बल्लेबाजी में पहले वाला रंग नहीं दिखा पा रहे हैं। उनकी बल्लेबाजी में थकान और विश्वास की कमी भी नजर आ रही है। ऐसे में धोनी के धुरंधरों का सपना इस बार टूट भी सकता है।