लम्बे समय से भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे धाकड़ बल्लेबाज युवराज सिंह जब बल्लेबाजी करने क्रिकेट के मैदान पर आते थे, तो सामने वाले गेंदबाज के पसीने छूट जाते थे।
सिक्सर किंग नाम से मशहूर युवराज सिंह मौजूदा समय में राष्ट्रीय क्रिेकेट अकादमी में फिटनेस ट्रेनिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि उनके इस फैसले के बाद उन्हें रणजी टूर्नामेंट से दूरी बनानी पड़ी,जिसे बीसीसीआई के अधिकारियों का एक वर्ग को पसंद नहीं आया।
यो-यो टेस्ट की वजह से छोड़ा रणजी टूर्नामेंट!
पांच में से चार रणजी मैचों से दूरी बनाने वाले युवराज सिंह पंजाब टीम की तरफ से खेलते हैं। युवी ने अभी तक सिर्फ विदर्भ के खिलाफ एक मैच खेला था,जिसमें उन्होंने पहली पारी में 20 रन और दूसरी पारी में 42 रनों की पारी खेली थी।
आपको बता दें, यो-यो टेस्ट में फेल चुके युवराज सिंह इस टेस्ट को पास करने के लिए बेहद बेताब है,जिसकी वजह से वह फिटनेस ट्रेनिंग के माध्यम से इस टेस्ट को पार करना चाहते हैं। हालांकि उनके द्वारा लिया गया यह फैसला बीसीसीआई के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को रास नहीं आया।
युवी के फैसले से जताई हैरानी
इसी बीच बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई से बातचीत के दौरान खुलासा करते हुए कहा कि,
“ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है, कि युवराज सिंह रिहैबिलिटेशन कर रहे हैं, लेकिन हमें यह पता चला है कि वह यो-यो टेस्ट को पास करने के लिए किसी विशेष ट्रेनिंग में हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन उनका फैसला उस वक्त सही नहीं रहा,जब उन्होंने इसके चक्कर में रणजी टूर्नामेंट से दूरी बना ली है।”
कहीं भारी ने पड़ जाए यह फैसला
अपनी बात को जारी रखते हुए बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा कि, ‘ऐसा सुना गया है कि युवराज सिंह ने पंजाब के टीम प्रबंधन को बताया है कि उन्हें भारतीय टीम में बने रहने के लिए फिटनेस टेस्ट को पास करना है,जबकि हमेशा से ही चयनकर्ताओं ने रणजी टूर्नामेट के प्रदर्शन को ज्यादा प्राथमिकता दी है। ऐसे में उनका यह फैसला हमारे समझ से परे हैं।’
कभी फेल हो चुके यो-यो टेस्ट
आपकों बता दें, भारतीय टीम के खिलाड़ी समय-समय पर अपनी फिटनेस की लय की जांंच के लिए यो-यो टेस्ट देते रहते हैं, जिसकों लेकर हाल ही में भारतीय टीम के विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिह ने टेस्ट दिया था।
इस टेस्ट में निर्धारित मानक को 16.1 रखा गया था, जिसमें युवराज सिंह उस स्टेंडर्ड मानक को पास करने में नाकाम साबित हुये।