किसी भी व्यक्ति की मेहनत उसे फर्श से अर्श पर लाकर खड़ा कर देती है। इस बात का हमने अनपे जीवन में कई उदाहरण देखे हैं और ऐसे ही एक और उदाहरण को अभी हम आपको बताने जा रहे है। दरअसल, शारजाह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के कमेंट्री बॉक्स में माइक्रोफोन कान पर लगाए बैठा एक व्यक्ति जब फर्राटेदार अंग्रेजी भाषा में क्रिकेट कमेंट्री करता है, तो कोई ये सोच भी नहीं पाता कि ये कमेंटेटर कभी गांव में बकरी चराया करता था।
गांव से अन्तर्राष्ट्रीय मैच की कमेंट्री तक
जोधपुर के चतरपुरा गांव से निकलकर शारजाह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के कंमेट्री बॉक्स तक पहुंचकर न्यूजीलैंड के डेनी मॉरीसन के साथ कमेंट्री करने वाले इस इंसान का नाम देवेंद्र है। इनके दोस्ट, रिश्तेदार इन्हें प्यार से इसे देबू या देबिया कहा जाता है। इनकी कहानी सुनकर सभी को एक प्रेरणा मिल सकती है।
गांव में रहने वाले देबू को कमेंट्री सुनने का बहुत शौक हुआ करता था। देबू भेड़-बकरी चराने के दौरान खाली वक्त में कमेंट्री सुना करते थे। सुनते-सुनते उन्हें कमेंट्री से ऐसा प्यार हो गया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुकाम पर जाने का मन बना लिया। उन्होंने मन तो बना लिया था लेकिन उनकी राह बड़ी मुश्किल थी।
बड़े-बड़े शहरों में रहने वाले बड़े-बड़े बुद्धिमान व्यक्ति भी अंतरराष्ट्रीय मुकाम पर कमेंट्री करने के बारे में सोच भी नहीं पाते हैं, लेकिन देबू ने ना सिर्फ इसका सपना देखा बल्कि उस मुकाम तक पहुंचे भी। हालांकि इस दौरान उन्हें अपार कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार ना माने की ठानी और अंतर्राष्ट्रीय मैच तक पहुंच ही गए।
गांव वालों को देवेंद्र पर हैं गर्व
देबू यानि कि देवेंद्र चार भाई-बहन हैं, जिनमें वो सबसे बड़े हैं। अभी कुछ दिनों पहले देवेंद्र आयरलैंड और अफगानिस्तान के बीच हो रहे मैच में कमेंट्री करके घर लौटे हैं। उनके गांव में उनका जमकर स्वागत किया गया। गांव वालों ने बताया कि उन्हें देबू के ऊपर काफी गर्व है कि वो अंतरराष्ट्रीय लेवल पर कंमेट्री कर रहे हैं। देवेंद्र के परिवार वालों ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो विदेशी कमेंटेटर्स के साथ अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में कमेंट्री करेंगे.