टीम इंडिया के पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री, फिलहाल एक बार फिर कमेंट्री में वापस आ गए है. शास्त्री ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने अपने क्रिकेट के करियर के बाद बतौर कमेंटेटर भी खूब कामयाबी बटौरी.
रांची वनडे में भारतीय टीम को 19 रनों से हार का सामना करना पड़ा, और न्यूज़ीलैण्ड सीरीज को आख़िरी मुकाबले तक ले जाने में सफल हुई है. विशाखापत्तनम में अब इस सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला जाना है, और इस मुकाबले में जीत ही तय करेगी की ट्राफी किस कप्तान के नाम जाती है.
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रवि शास्त्री से पुछा गया, कि कभी-कभी धोनी टीम के लिए मैच फिनिश नहीं कर पाते है, टीम के लिए लक्ष्य के करीब होने पर आउट हो जाते है तब रवि ने बताया, कि
”धोनी एक ऐसा खिलाड़ी है जो अगर चाहे तो खेल को किसी भी खिलाड़ी से ज्यादा जल्दी मैच फिनिश कर सकते है.धोनी अपने पहले 10 रन के लिए कम से कम 30 गेंद ले लेते हैं पर जिस तरह वो 60या 70 के स्कोर तक पहुंच जाते है वो एक अलग ही बल्लेबाज बन जाते है. जैसा कि हमने मोहाली वनडे के दौरान देखा. नंबर 4 एक ऐसा स्थान है जहाँ बल्लेबाज खुद पर जिम्मेदारी से खेलते हुए बड़ा स्कोर बना सकता है.”
शास्त्री ने बताया, कि मेरी धोनी से काफी टाइम से कोई बात नहीं हो पायी है. यह सवाल कई बार उठता रहा है, कि धोनी खुद को रैना से ऊपर खेलने क्यों नहीं आते. इस समय रैना टीम से बाहर है जिस कारण धोनी को हम नंबर 4 पर खेलता देख रहे है.
रवि शास्त्री मानते है, कि महेंद्र सिंह धोनी से बढ़िया इस समय कोई बल्ल्लेबाज नही है, जिसके पास इतना अनुभव हो और जो खेल की इतनी बढ़िया जानकारी रखता हो. रवि के अनुसार,
”आलोचकों का काम सिर्फ आलोचना करना करता होता है, उनको शायद चुप ही रहना चाहिये और अपने चाय पानी के ऊपर विचार विमर्श करना चाहिये. धोनी हमेशा से ही इस खेल के दादा रहे हैं. अगर आप वनडे क्रिकेट की बात करे तो सबसे पहला नाम जेहन में महेंद्र सिंह धोनी का ही आता है.”
धोनी के विकेटकीपिंग पर पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री ने कहा, कि
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”इस समय उनसे बेहतर विकेटकीपर टीम के पास नहीं है और ना ही आने वाले वक़्त में कोई धोनी का स्थान ले सकता है. इस समय वो सबसे बढ़िया शेप में दिख रहे है. उनका स्थान लेने के लिए एक ऐसे खिलाड़ी को ढूंढे जो अपने जूते के फीते बांधना जानता हो. धोनी के जितने तेज हाथ किसी के नहीं चलते वो किसी जेबकतरे से भी ज्यादा तेज अपने हाथ चलाते है.”