बलिदान बैज

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का खबरों में बना रहना आम बात है । लेकिन इस बार धोनी अपने किसी स्पेशल शॉट या खेल के लिए नहीं बल्कि किसी और ही कारण से खबरों में छाए हुए हैं । असल में 5 जून को साउथ आफ्रीका के खिलाफ खेले मैच में महेंद्र सिंह धोनी अपने कीपिंग ग्लव्स पर ‘बलिदान बैज‘ लगाकर खेलते नज़र आए थे । जिसपर आईसीसी ने आपत्ति जताई है ।

'बलिदान बैज' न हटाने पर अड़े महेंद्र सिंह धोनी, टीम इंडिया सहित भारतीय उच्चायुक्त से की मुलाकात 1

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भारतीय उच्चायुक्त से मिलने पहुंची भारतीय टीम

इस बीच टीम इंडिया शुक्रवार को लंदन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम से मिलने पहुंची। आपको बता दें, धोनी के ग्लव्ज पर बने पैरा-कमांडोज के ‘बलिदान’ निशान वाले मामले में आईसीसी और धोनी में से कोई झुकने को तैयार नहीं है। हालांकि बीसीसीआई प्रशासकों की समिति के चेयरमैन विनोद राय ने साफ कर दिया है कि इस निशान को हटाने की जरूरत नहीं है।

'बलिदान बैज' न हटाने पर अड़े महेंद्र सिंह धोनी, टीम इंडिया सहित भारतीय उच्चायुक्त से की मुलाकात 2

आईसीसी ने बीसीसीआई से धोनी के ग्लव्स से बलिदान बैज हटाने की बात कही थी। आईसीसी के मुताबिक कहा कि धोनी ने नियमों का उल्लंघन किया है। वह ग्लव्स पर कोई निजी मैसेज नहीं लिख सकते हैं। जिसपर बीसीसीआई ने आईसीसी के सामने अपना पक्ष रखा है। आईसीसी का सख्त रवैया देखकर बीसीसीआई इस मामले में अपना रुख बदल सकता है। वह इस मामले को तूल न देकर धोनी से ग्लव्स बदलने को कह सकता है।

रविवार को ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी भारतीय टीम

बताते चलें कि, रविवार को टीम इंडिया वर्ल्ड कप 2019 में अपनी दूसरी जीत दर्ज करने द ओवल मैदान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उतरेगी। इस मैच से पहले भारतीय दल के हर सदस्य से भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम ने मुलाकात की और उन्हें जीत की बधाई दी।

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क्या है बलिदान बैज

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विवाद में फंसे बलिदान बैज का चिह्न स्पेशल फोर्स इंडियन आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा है । ये भारत की पैरा (स्पेशल फोर्स) का प्रतीक चिह्न है। इसलिए भारतीय सेना में ये बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं। पैरा कमांडो के विशेष रेजिमेंट के अपने बैज होते हैं। जिन्हें बलिदान बैज के नाम से जाना जाता है।