एक समय था जब पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सबसे ज्यादा भरोसा अगर किसी खिलाड़ी पर था, तो वो भारत के मुख्य स्पिनर रविचंद्रन आश्विन थे. कहा जाता है कि अगर भारतीय मुख्य स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का करियर किसी ने बनाया है तो वो महेंद्र सिंह धोनी ही थे. रविचंद्रन आश्विन ने अपने करियर की उड़ान आईपीएल में भी धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स से ही भरी. साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच से पहले इंग्लैंड का यह दिग्गज खिलाड़ी बना कोहली का फैन, कहा “आप इसके बादशाह हो”
कप्तान धोनी के भरोसे ने ही अश्विन को बेहतर से और बेहतर बनाया. मगर अपनी कप्तानी के अंत में धोनी रविचंद्रन अश्विन से भरोसा खो बैठे और देखा जाने लगा, कि वो रविचंद्रन अश्विन से उनके कोटे के पुरे ओवर्स भी नहीं कराने लगे और अब वर्तमान में चल रही चैंपियन ट्रॉफी में भी यही देखा जा रहा है कि भारत के नए कप्तान विराट कोहली भी भारतीय मुख्य स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पर अपना भरोसा खो बैठे है.
नहीं दी पहले दो मैचों में जगह
आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी में भारत के पहले दो मैचों में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने रविचंद्रन अश्विन पर भरोसा नहीं दिखाया, विराट कोहली ने उन्हें भारत के शुरुआती दो मैच में अंतिम 11 में जगह नहीं दी.
अश्विन की जगह पंड्या में दिखाया भरोसा
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अश्विन की जगह दोनों मैचों में हार्दिक पंड्या में भरोसा दिखाया. वो दोनों मैच में मात्र एक ही मुख्य स्पिनर के साथ उतरे जो रविन्द्र जडेजा थे.
पिछले दो सालों में अश्विन की चमक रही है फीकी
भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की चमक पिछले दो सालों में बहुत फीकी रही है. टेस्ट में तो वह शानदार गेंदबाजी कर रहे है. मगर रंगीन कपड़ो में वो अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है. पिछले दो सालों में उनका लगभग 6 का इकॉनमी रहा है.सौरव गांगुली ने विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी को दी बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से सीख लेने की नसीहत
पिछली चैंपियन ट्रॉफी में निभाई थी अहम भूमिका
भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पिछली चैंपियन ट्रॉफी में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने उस टूर्नामेंट में 5 से कम की इकॉनमी के साथ 9 विकेट लिए थे. चैंपियन ट्रॉफी 2013 के फाइनल में अंतिम ओवर अश्विन ने ही कराया था और भारत को जीत दिलाई थी.