क्रिकेट के मैदान में भारत की सबसे सफल जोड़ियो में से एक रही युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को 2007 और 2011 के दो विश्वकप अपने दम पर जीताए मगर आज ऐसा वक्त आ गया है, कि युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी पर अब 2019 का विश्वकप खेलने का प्रश्न चिन्ह लग गया है.
नहीं रही पहली जैसी काबिलियत
युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी की फॉर्म और फिटनेस को देखते हुए बिलकुल भी नहीं लगता की युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी दो साल बाद 2019 का विश्वकप खेल पाएंगे, युवराज सिंह अपनी वापसी के बाद मिले गए हर मौके में नाकामयाब साबित हो रहे है, तो धोनी में भी अब पहली जैसी मैच फिनिश व हिटिंग करने की काबिलियत नहीं रही. खुलासा- सिर्फ विराट कोहली ही नहीं CAC ने भी कुंबले की साथ नाइंसाफी, नहीं सुनी कुंबले की बात बस विराट से ही जाना पूरा मामला
ढोह रही है टीम इंडिया
जी हाँ, भारतीय खेल प्रेमियों का युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के प्रदर्शन को लेकर यही कहना है, कि भारतीय टीम युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी को ढो रही है, जो वर्तमान में उनके प्रदर्शन से भी सच लगता है. युवराज सिंह अपनी बल्लेबाजी में स्कोर नहीं कर पा रहे है तो धोनी अब पहले जैसी हिटिंग नहीं कर पा रहे है.
युवा खिलाड़ियों का रोक रहे रस्ता
भारत के दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी को अब सन्यास ले लेना चाहिए, ताकि अगर वह सन्यास ले तो मनीष पांडेय, के एल राहुल, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक जैसे होनहार युवा खिलाड़ियों को पर्याप्त मौके दिए जा सके और भविष्य के लिए इन युवा खिलाड़ियों को तैयार किया जा सके.विडियो : सरफराज़ अहमद ने धोनी के लिए कहा कुछ ऐसा जिससे साबित होता है पाकिस्तान में की जाती है भारतीय कप्तान की पूजा
फिटनेस में फिसड्डी
अगर दोनों खिलाड़ियों की फिटनेस की बात की जाये तो महेंद्र सिंह धोनी की फिटनेस तो काफी हद तक सही है, मगर भारतीय क्रिकेट में कभी अपनी फील्डिंग से नाम कमाने वाले युवराज सिंह आज भारतीय टीम के सबसे कमजोर फील्डर है. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में भी कई मौकों में खराब फील्डिंग करके विपक्षी टीम को अतिरिक्त रन दिए. वही वह अब अपनी फिटनेस से भी जूझते हुए नजर आते है.
शास्त्री के कोच बनते ही बाहर होना तय:
अगर रवि शास्त्री भारतीय टीम के कोच बनते है, तो महेंद्र सिंह धोनी का भारतीय टीम से बाहर होना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि जब रवि शास्त्री भारतीय टीम के डायरेक्टर थे, तब उस समय भी महेंद्र सिंह धोनी और रवि शास्त्री की आपस में नहीं बनती थी, और शायद यही वजह था कि महेंद्र सिंह धोनी को अचानक से टेस्ट क्रिकेट से सन्यास की घोषणा करना पड़ा, जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी. अब भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली है और ऐसे में शास्त्री के आने से इस भारतीय खिलाड़ी का भारतीय टीम से बाहर होना लगभग तय है.