भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान समय में अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रही है और अपने प्रदर्शन का लोहा मनवा रही है, लेकिन भारतीय टीम के लिए एक बात अभी भी एक बड़ी समस्या का कारण बनी हुई है और वह भारतीय टीम का वनडे और टी20 क्रिकेट में चौथे क्रम का बल्लेबाज है.
विश्वकप 2019 को देखते हुए नंबर 4 का बल्लेबाज भारतीय टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है. भारतीय टीम अब अपनी इस समस्या के चलते इस नंबर चार की पोजीशन पर दिनेश कार्तिक को अजमा रही है.
नंबर 4 की पोजीशन पर बल्लेबाजी करने के लिए हूं कांफिडेंट
दिनेश कार्तिक ने क्रिकबज को दिये गये अपने एक बयान में कहा,
“मैं नंबर 4 की पोजीशन पर बल्लेबाजी करने के लिए कांफिडेंट व कम्फर्टबल हूं. खुद के लिए मैं यह इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मैंने तमिलनाडु के लिए और आईपीएल में नंबर 4 पर बल्लेबाजी की है. मैं आत्मविश्वास से कह सकता हूं, कि मुझे इस स्थिति में बल्लेबाजी करने का अपने ऊपर पूरा भरोसा है.
मैंने उन परिस्थितियों में बल्लेबाजी की है. जहां स्कोर कभी मात्र 10 रन से भी कम होता है और कभी 200 से भी ज्यादा होता है. मुझे लगता है, कि मैं ऐसी दोनों स्थिति में बल्लेबाजी कर सकता हूं. आपके पास ऐसी स्थितियों से से अनुभव भी आता है और मैंने यह घरेलू क्रिकेट व आईपीएल में हासिल किया हुआ है.”
रन बनाऊंगा तो नंबर 4 की तलाश खत्म हो जायेगी
दिनेश कार्तिक ने क्रिकबज को दिये गये अपने बयान में आगे कहा,
“नंबर 4 का क्रम अभी टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और अभी टीम के लिए एक परेशानी का सबब भी बना हुआ है और स्पॉटलाइट है. टीम मैनेजमेंट अभी इस स्थान के लिए खिलाड़ी की तलाश कर रहा है. अगर मैं इस पोजीशन में रन बनता हूं तो शायद टीम मैनेजमेंट की यह तलाश खत्म हो जायेगी.”
2007 टी20 विश्वकप जीत मेरे करियर का सबसे बड़ा पल
दिनेश कार्तिक ने आगे अपने बयान में अपने करियर का सबसे बड़ा पल बताते हुए कहा,
“2004 में मुझे डेब्यू करने का मौका मिला था और तब से जब भी मैंने टीम के लिए रन बनाये मुझे अच्छा लगा, लेकिन जब आप कोई टूर्नामेंट जीतते हैं तो उसे बहुत याद किया जाता है. यदि आप मुझसे मेरे करियर का सबसे बड़ा क्षण पूछना चाहते हैं, तो मेरे करियर का सबसे बड़ा पल 2007 में टीम के साथ टी20 विश्व कप जीतना है. जब भी मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो ये 2007 की बड़ी टूर्नामेंट जीत मुझे बहुत खुशी देती है
2013 में चैंपियंस ट्रॉफी की भी जीत भी मेरे लिए एक यादगार पल है. भले ही मैं इन टूर्नामेंट में शतक ना लगा पाया हूं और असफल रहा हूं, लेकिन टीम अगर इतने बड़े टूर्नामेंट जीतती है तो यह हमेशा आपके लिए एक गर्व का और यादगार पल होता है.”