भारत का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम कोलकाता का इडेन गार्डन्स कई इतिहासिक क्रिकेट मैच का गवाह रहा है. जबकि मौजूदा समय में भारत का सबसे पुराना स्टेडियम और कोलाकाता नाईट राइडर्स का लकी होम ग्राउंड है.
केकेआर की टीम अपने होम ग्राउंड यानि ईडेन पर हमेशा से अच्छा प्रदर्शन करती आई है. जिसे बदल पाना किसी टीम के लिए आसान नहीं है. लेकिन अब इस स्टेडियम का मिजाज कुछ बदल चुका है. कभी स्पिनर्स के लिए अनुकूल रहा यह स्टेडियम अब तेज गेंदबाजों के लिए मददगार हो गया है.
कोलकाता के स्टेडियम का यह रूख 2015 के बाद बदला है. पिच की सतह पर अब घास दिखाई देती है. केकेआर को इस पिच पर सात मैच खेलने है, जिसके लिए उसको तैयार रहना होगा.
घास की इस पिच पर तेज गेंदबाजों को अच्छी खासी उछाल मिलेगी. ऐसे में केकेआर की टीम मिचेल स्टार्क को मिस करेगी. दरसल स्टार्क चोट लग जाने के कारण आईपीएल नही खेल पाएंगे. स्टार्क की जगह लिए गए टॉम कुरेन से टीम मैनेजमेंट को खासी उम्मीदें होंगी.
तेज गेंदबाजों के अलावा यह पिच कलाई स्पिनर को भी मदद करेगी. इसका मतलब कुलदीप यादव और पियूष के साथ सुनील नरेन भी इसका फायदा उठा सकते हैं.
रॉयल चैलेंजर्स के लिए अभी तक शानदार गेंदबाजी करते आए यजुवेंद्र चहल ने ग्राउंड्स पर पिच को लेकर कहा कि पिछले साल पिच ने काफी मदद की थी.
चहल ने कहा ”पिछले वर्ष विकेट पर हमें अच्छा ख़ासा उछाल मिला. हमें उम्मीद है कि इस बार भी हमें पिच से ऐसी ही मदद मिलेगी”
ग्राउंड के स्टाफ से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि रात में होने वाले मैचों में ओश का प्रभाव भी साफ़ तौर पर दिखाई देगा. ऐसे में गेंदबाजों के लिए आसान ये होता है कि गेंद तेजी के साथ बाउंड्री की तरफ जाती है, क्योंकि अगर एक बार बॉल फील्डर के पास से निकल जाए तो उसे रोक पाना मुश्किल हो जाता है.