राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच हुए आईपीएल 2019 के 25वें मैच में काफी विवाद हुआ। मैच के दौरान अंपायर के फैसले से नाखुश चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मैदान में घुसकर अंपायर से बहस की। इसके बाद चारों तरफ धोनी की आलोचना हो रही है। धोनी इससे पहले इतने गुस्से में शायद ही कभी देखे गये थे।
अंपायर ने नहीं बदला फैसला
महेंद्र सिंह धोनी ने मैदान पर जाकर अंपायर ब्रूस ओक्सेनफोर्ड और उल्हास गान्धे से उलझ गये। इसके बावजूद दोनों अंपायरों ने अपना फैसला नहीं बदला। हालाँकि, रिप्ले में साफ़ हो रहा था कि गेंद बल्लेबाज के कमर से ऊपर थी।
इससे पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियंस के बीच मैच में भी अंपायर ने नो बॉल नहीं दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इसे चेक करने के लिए थर्ड अम्पायर की मदद भी नहीं ली थी।
यह है नियम
बल्लेबाज के आउट होने के बाद मैदानी अंपायर नो बॉल चेक करने के लिए थर्ड अंपायर की मदद लेते हैं। हालाँकि, इन दोनों मौकों पर वह थर्ड अंपायर के बाद नहीं गये। नियम के बारे में पूर्व इंटरनेशनल अंपायर के हरिहरन ने कहा
“अगर कोई बल्लेबाज आउट नहीं होता है तो कोई अंपायर नो बॉल की की जांच करने के लिए थर्ड अंपायर के पास नहीं जा सकता है। इसलिए, अंपायर इसे टीवी अंपायर के पास नहीं भेज सकते थे।”
अंपायरों से हो रही ज्यादा गलतियां
आईपीएल में यह दूसरा मौका है जब अंपायर से ऐसी गलती हुई है। इस मैच में चेन्नई सुपर किंग्स की जीत की वजह से विवाद ने बड़ा रूप नहीं लिया। उन्हीं अंपायर इस इस फैसले की वजह से आरसीबी को हार मिली थी।
विराट कोहली की टीम को अंतिम गेंद पर जीतने के लिए 7 रनों की जरूरत थी लेकिन अंपायर ने नो बॉल नहीं दिया। इसी वजह से टीम को हार मिली थी।
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