भारत के बेहतरीन विकेटकीपरों में चुने जाने वाले और टेस्ट टीम के नियमित विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा पूरे जोश के साथ रणजी सत्र में उतरने जा रहे हैं. वह मंगलवार को अपनी टीम से जुड़ने के लिए दिल्ली से निकल गये. उनकी घरेलू टीम बंगाल का पहला मुकाबला सर्विसेज के खिलाफ होगा.
की कई मुद्दों पर बात-
रिद्धिमान साहा इस सत्र को बखुबी भुनाना चाहते हैं. साहा इस रणजी सत्र के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जबरदस्त दस्तक देने की कोशिश करेंगे. साहा को इसके बाद श्रीलंका के सात तीन टेस्ट मैचों की श्रंखला खेलनी है.
श्रीलंका भारत दौरे पर आ रही है. इसके बाद भारत साउथ अफ्रीका का दौरा भी करना चाहेंगे. रिद्धिमान ने एक इंटरव्यू में मनोज तिवारी से अपने रिश्ते बंगाल की टीम और तमाम विषयों पर बात की.
27 साल से नही जीता बंगाल रणजी ट्रॉफी-
बंगाल ने 27 सालों से रणजी ट्रॉफी नही जीएती है. रिद्धिमान साहा ने कहा इस बार टीम जीत सकती है, क्योंकि हमारी टीम बहुत मजबूत है. रिद्धिमान साहा इस बार अपने पिछले इतिहास को नही देख रहे बल्कि वह अपनी टीम को खिताब का दावेदार मान रहे हैं.
आपको बता दें, बंगाल पिछले कुछ सत्र में नाकआउट दौर से ही बाहर हो गयी थी. साहा ने कहा, इस बार हमने एक शांति प्रतिज्ञा की है. हमे इस बार टीम को पहले नॉकआउट दौर से पास करना है उसके बाद टीम को खिताब जितवाने के लिए मदद करना है.
कप्तान और मेरी बात इस वजह से ज्यादा होती है-
रिद्धिमान साहा ने कहा, वह और कप्तान मनोज तिवारी मिल कर रणनीति तय करते हैं. हालांकि, कप्तान का फैसला अपना होता है. मै केवल अपनी राय देता हूँ.
उन्होंने कहा “आम तौर पर एक विकेटकीपर मैदान पर सर्वश्रेष्ठ स्थिति में खड़ा होता है. वह गेंदबाज और साथ ही अन्य फील्डिंग कर रहे खिलाड़ियों को देख सकते हैं. यही कारण है कि यह अक्सर देखा जाता है कि कप्तान विकेटकीपर के साथ चर्चा कर रहा है. यहां तक कि जब मैं अपने कार्यालय के लिए खेलता हूं, तो मैं इस कारण टीम के कप्तान की भूमिका निभाता हूं. ”
उन्होंने कहा “मनोज भी चाहते हैं कि मैं रणजी ट्रॉफी के दौरान प्रत्येक चरण में उनके साथ रहूं. मैं राष्ट्रीय टीम के अपने अनुभव को मनोज और राज्य टीम में मेरे साथियों के साथ साझा करने के लिए उत्सुक हूं.”