कभी अपने गाँव में क्रिकेट नही खेलने देते थे लोग और आज दे रहे है भगवान का दर्जा, देखें कैसे एक मैच ने बदली इस खिलाड़ी की किस्मत 1

चैंपियंस ट्राफी में पाकिस्तान ने भारत को हरा कर पहली बार चैंपियंस ट्राफी का ख़िताब अपने नाम किया हैं. पाक की इस जीत में  सबसे बड़ा योगदान फखर ज़मान का रहा. चैंपियंस ट्राफी में फखर के प्रदर्शन का असर पाकिस्तान टीम पर भी देखने को मिला. टीम ने पूरी प्रतियोगिता में उल्टफेर करते हुए चैंपियंस ट्राफी पर भी कब्ज़ा कर लिया. हाल में अपने पैतृक गाँव पहुँचने फखर ज़मान का लोगों ने स्वागत किया.

बचपन में क्रिकेट खेलने पर लगा था प्रतिबंध 

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चैंपियंस ट्राफी में अच्छे प्रदर्शन के बाद फखर ज़मान अपने गाँव पहुंचे. जहाँ उन्होंने इंटरव्यू देते हुए बताया कि बचपन में मैं काफी ज्यादा हिट करता था. मैंने शुरुआत में काफी ज्यादा रन बनाए थे. जिस वजह से मैं आस-पास काफी ज्यादा प्रसिद्ध हो गया था.

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मेरी हिटिंग की वजह से मेरे गाँव के लोग मुझे अपने साथ खेलने नही देते थे. मेरी हिटिंग की वजह से गाँव के लोगों ने मुझ पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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हमारे लिए है भगवान

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चैंपियंस ट्राफी जीतने के बाद फखर अपने गाँव गए तो लोगो ने उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया. उनके बड़े भाई आसिफ ने बताया कि क्रिकेट खेलने की वजह से उसे बहुत बार मार भी पड़ी हैं. वो खुद फखर को क्रिकेट खेलने के लिया मना करते थे. लेकिन उसने क्रिकेट खेलना कभी नही छोड़ा.

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उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से उसने पाक को चैंपियंस ट्राफी दिलाने में मदद की हैं. उसके बाद से वो हमारे लिए भगवान हो गया हैं.

नेवी में जाना चाहते थे फखर 

फखर क्रिकेट को लेकर ज्यादा गंभीर नही थे. वो क्लब क्रिकेट से ज्यादा क्रिकेट नही खेलना चाहते थे. फखर ने बताया उन्हें नेवी में जाना था. वो और नेवी में चुन भी लिए गए थे. लेकिन वहां से उन्हें क्रिकेट खेलने को कहा गया था. जिसके बाद वो नेवी की नौकरी छोड़ कर एक बार फिर से क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू कर दिया था.