चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में पाकिस्तान टीम के ओपनिंग बल्लेबाज फखर जमान जिन्होंने चैम्पियंस ट्रॉफी के चार मैचों में 252 रन बनाएं है, जिसमे उन्होंने दो अर्धशतक और एक शतक भी लगाया है, फाइनल में उन्होंने भारत के खिलाफ 114 रन की शानदार पारी खेली थी, जिसके बाद उनकी इस पारी की हर तरफ तारीफ हो रही थी, क्योकि भारत के खिलाफ वो भी फाइनल मैच में दबाव में शानदार पारी खेल कर फखर ने साबित कर दिया की वे बड़े मैच के खिलाड़ी है.खुलासा- सिर्फ विराट कोहली ही नहीं CAC ने भी कुंबले की साथ नाइंसाफी, नहीं सुनी कुंबले की बात बस विराट से ही जाना पूरा मामला
कोहली की तारीफ से अचंभित था
फखर जमान ने हाल में ही दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान फखर ने फाइनल मैच में अपनी शानदार पारी के बारे में बोलते हुए कहा कि जब उन्होंने अपना शतक पूरा किया तो उन्होंने जब कोहली की तरफ देखा तो वे मेरे इस शतक के लिए तालियाँ बजा रहे थे, लेकिन जब मैंने महेंद्रसिंह धोनी की तरफ देखा तो उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त की, साथ में ही फखर ने ये भी बताया कि उन्हें भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने स्लेज भी किया था लेकिन भाषा ना समझने के कारण मुझे उन्हें अवॉयड करने में काफी आसानी हुयी.
कोहली से ऐसी उम्मीद नहीं थी
जब में बल्लेबाजी कर रहा था तो उस समय भारतीय कप्तान कोहली से लेकर हर भारतीय फील्डर मुझे स्लेज़ कर रहा था, लेकिन जब मैंने अपना शतक पूरा किया, तो उस समय मैंने सोचा कि कोहली इसे इग्नोर कर देंगे, लेकिन जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वे मेरी इस पारी के लिए ताली बजा रहे थे, लेकिन मैं धोनी से थोड़ा निराश जरुर हुआ क्योकि उन्होंने मेरे शतक के पूरा होने पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी.OMG- मथुरा में B.TECH कर रहा है विराट कोहली का हमशक्ल, लड़कियाँ कोहली समझ करती है प्रपोज
इंग्लैंड के खिलाड़ी कर रहे थे स्लेज
फखर जमान ने पाकिस्तान टीम का इंग्लैंड के खिलाफ हुआ चैम्पियन ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच के बारे में बोलते हुए कहा कि उस मैच में इंग्लैंड टीम के खिलाड़ी मुझे काफी स्लेज कर रहे थे, लेकिन इंग्लिश ना बोल पाने के कारण मुझे इन सारी चीजों को अवॉयड करने में काफी आसानी रही.रवि शास्त्री के कोच पद के लिए आवेदन करने के बाद गांगुली-कुंबले विवाद पर बोले मदन लाल, कहा कोच बनते देखना होगा दिलचस्प
आउट होने पर हो गया था निराश
फकर ने फाइनल मैच में नो बॉल पर आउट होने पर कहा कि जब मैं आउट होकर ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहा था तो उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी सारे सपने जैसे टूट गए हो मैं सोच रहा था कि इस तरह से मैं कैसे अपना विकेट दे सकता हूँ, क्योकि मुझे एक बड़ा स्कोर बनाना था लेकिन जब अंपायर ने मुझे रोका तो मुझे ऐसा लगा कि मुझे कोई नया जीवन मिल गया हो और उसके बाद जब वो गेंद नो बाल दी गयी तो मैंने समझ लिया कि आज का दिन मेरा है.