भारतीय क्रिकेट इतिहास में आज यानि 4 अक्टूबर, गुरूवार के दिन उस समय एक नए युग का आगाज हुआ है जब वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के राजकोट में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारत के युवा प्रतिभाशाली बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को डेब्यू का मौका दिया गया।
पृथ्वी शॉ ने टेस्ट क्रिकेट में किया अपना डेब्यू
मुंबई के बहुत ही हुनरमंद खिलाड़ी 18 साल के पृथ्वी शॉ को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिला। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट में अब अगले कुछ सालों तक पृथ्वी की चमक नजर आने वाली है।
पृथ्वी शॉ पिछले करीब एक साल से घरेलु क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं और अपने आपको इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए तैयार किया। आखिर उनकी ये मेहनत रंग लायी और पिछले महीनें उन्हें इंग्लैंड के दौरे पर टीम में चुना गया था।
पृथ्वी के पिता पंकज शॉ नहीं पहुंचे अपने बेटे का डेब्यू देखने
इंग्लैंड में तो प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला लेकिन पृथ्वी को वेस्टइंडीज के खिलाफ पृथ्वी को अपना शो दिखाने का मौका मिल गया, लेकिन पृथ्वी शॉ के पिता अपने बेटे के डेब्यू को देखने केलिए नहीं पहुंचे हैं। मैच की पूर्व संध्या पर बीसीसीआई टीवी ने पंकज शॉ से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने इसका कारण बताया।
पंकज शॉ ने कहा कि “मैं राजकोट नहीं जा रहा हूं मैं यहां घर पर ही रहना पसंद करूंगा।” आपको बता दें कि पृथ्वी शॉ ने जब अपना रणजी डेब्यू किया था तब भी पंकज शॉ उनका पहला मैच देखने नहीं गए थे।
पंकज शॉ को है पृथ्वी के अच्छे प्रदर्शन का भरोसा
पृथ्वी शॉ के पिता पंकज शॉ अपने बेटे के पहले मैच को लेकर बहुत ही खुश हैं और वो इस बारे में बेटे को कोई सलाह नहीं देना चाहते हैं। इस बारे में पंकज शॉ ने आगे बताया कि
“मुझे यकिन है कि वो अच्छा प्रदर्शन करेगा। मेरे पास उसे बताने के लिए कुछ भी नहीं है। वो अपने खेल को अच्छी तरह से जानता है। उसे अपना नेचुरल खेल जारी रखना चाहिए और इस बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।”
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