क्रिकेट इतिहास में अब तक कई महान ऑलराउंडर्स हुए हैं। इन ऑलराउंडर्स खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी टीमों के लिए गेंद और बल्ले दोनों से बड़ा अहम योगदान देकर अपनी खास पहचान बनायी है। ऑलराउंडर्स तो सभी टीमों के देखने को मिल जाते हैं लेकिन ऐसे बहुत कम ऑलराउडर्स हैं जो अपनी टीम के लिए गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों से ही ओपनिंग करें।
भारतीय टीम के इन 5 खिलाड़ियों ने एक ही वनडे में किया गेंद और बल्ले से आगाज
वैसे भारतीय क्रिकेट में ऑलराउंडर्स खिलाड़ियों की संख्या बहुत ही कम हुई है। भारत के इतिहास को देखे तो यहां जिस तरह के बल्लेबाज और गेंदबाज मिले हैं उस तरह से ऑलराउडर्स नहीं देखने को मिले हैं।
लेकिन फिर भी कुछ ऑलराउडंर खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से अहम योगदान दिया है। लेकिन इन्हीं में से कुछ ऐसे हरफनमौला खिलाड़ी भी रहे हैं जो ना केवल गेंदबाजी से बल्कि बल्लेबाजी में भी पारी की शुरुआत करने उतरे।
तो आपको हम बताते हैं भारतीय टीम के वो 5 ऑलराउंडर खिलाड़ी जिनको गेंदबाजी के साथ ही उसी मैच में बल्लेबाजी में भी पारी की शुरुआत करने का मौका मिला।
मनोज प्रभाकर- 45 वनडे
भारतीय क्रिकेट टीम को 90 के दशक में दिल्ली का एक बेहतरीन ऑलराउंडर हाथ लगा था। दिल्ली के पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर अपने समय में भारतीय टीम के सबसे नियमित खिलाड़ी हुआ करते थे जिन्होंने भारतीय टीम के लिए 130 वनडे मैच खेले हैं।
मनोज प्रभाकर का बल्ले और गेंद दोनों से प्रभाव था तभी तो उन्होंने भारत के लिए एक ही वनडे में ना केवल एक या दो मैच बल्कि 45 मैचों में ओपनिंग करने के साथ ही गेंदबाजी की भी शुरुआत की। मनोज प्रभाकर ने अपने वनडे करियर में 157 विकेट हासिल करने के साथ ही 11 अर्धशतक और 2 शतकीय पारियां भी खेली हैं।