भारतीय टीम के हर बड़े खिलाड़ी की फैन फ़ॉलोइंग होती है, जिसका राजनितिक फायदा हर राजनीति दल उठाना चाहती है. इसलिए खिलाड़ियों से कई बार प्रचार भी करवाया जाता है, लेकिन कई पार्टियां खिलाड़ियों को ही अपने पार्टी में शामिल कर लेती हैं. और इसका उनको फायदा भी मिलता है.
आइए हम आपको ऐसे ही पांच क्रिकेट खिलाड़ी के बारे में बताते हैं जो क्रिकेट के बाद बड़े राजनेता बने.
चेतन चौहान
चेतन चौहान ने बीजेपी की टिकट से 1991 में अमरोहा में चुनाव लड़ा और वे वहां से सांसद चुने गए. इसके बाद एक बार फिर 1996 में बीजेपी ने उन्हें इसी मैदान में चुनावी जंग के लिए उतारा, लेकिन इस बार वे जीत दर्ज नहीं करा पाए.
1998 में चेतन चौहान एक बार फिर सांसद चुने गए. वहीं, साल 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. उत्तर प्रदेश की सरकार में मंत्री हैं चौहान.
चौहान ने साल 1969 में टेस्ट डेब्यू किया और 1981 में उन्होंने अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला
चौहान ने साल 1969 में टेस्ट डेब्यू किया और 1981 में उन्होंने अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला. चेतन चौहान भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज भी रह चुके हैं. चौहान ने 40 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 2084 रन बनाए.
गौर करने वाली बात यह भी है कि चेतन चौहान ने एक भी टेस्ट शतक नहीं जड़ा. चेतन चौहान ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 11 हजार रन बनाए. चेतन चौहान की अपनी क्रिकेट अकादमी भी है.
नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू 2004 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अमृतसर की सीट पर विजय हुए. इसके कुछ समय बाद कोर्ट केस होने की वजह से उन्हें अपना पद छोडऩा पड़ा था, लेकिन दोबारा बहुमत से वो इस सीट से जीत दर्ज की.2009 के आम लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के ओम प्रकाश सोनी को 6858 मतों से हराया.
2014 के लोकसभा चुनावों में उनकी जगह बीजेपी ने अरुण जेटली को अपना उम्मीदवार बनाया था और इस कारण से सिद्धू ने पूरे प्रचार से किनारा कर लिया था. अब सिद्धू भाजपा को छोड़ कांग्रेस में सामिल हो गएँ हैं.
1983 में भारतीय टीम में जगह बनाई
साल 1983 में भारतीय क्रिकेट की टेस्ट टीम में जगह बनाई और वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में पहला मैच खेला. इस मैच में वह सिर्फ 19 रन बना पाए थे.
साल 1987 के विश्व कप में उन्हें टीम इंडिया में शामिल किया गया. सिद्धू ने पांच में से चार मैच खेले और हर मैच में अर्धशतक लगाया. पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने शारजाह में साल 1989 में पहला शतक लगाया.
सिद्धू ने 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 134 रन बनाए जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर था.उन्होंने 136 वनडे मैचों में कुल 4413 रन बनाए.सिद्धू ने 51 टेस्ट मैच खेले और 3202 रन बनाए. टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 201 था.
कीर्ति आजाद
भारत की तरफ से सिर्फ सात टेस्ट और 25 एकदिवसीय मैच खेलने वाले कीर्ति आज़ाद पिछले 23 सालों से राजनीति में सक्रिय हैं. एक खिलाड़ी के रूप में कीर्ति जितनी कीर्ति नहीं कमा पाए उसे ज्यादा उन्होंने राजनीति में कमाई.
कीर्ति आज़ाद 1993 से 1998 तक दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के विधायक रहे
कीर्ति आज़ाद 1993 से 1998 तक दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के विधायक रहे. साल 1999 में दरभंगा लोकसभा सीट पर बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़कर वह सांसद बने.
इसके बाद 2009 और 2014 में इस चुनाव क्षेत्र से उन्होंने जीत दर्ज की. इस तरह कीर्ति आज़ाद एक बार विधान सभा चुनाव और तीन बार लोक सभा चुनाव जीत चुके है.
मोहम्मद अज़हरुद्दीन
साल 2009 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनने वाले अज़हरुद्दीन 2014 में राजस्थान के टोंक सवाई माधोपुर सीट से चुनाव लड़े थे और हार गए.
मैच फिक्सिंग में आ चूका है इस खिलाड़ी का नाम
मैच में फिक्सिंग के साये में फंस चुके हैं. अजहर के ऊपर तीन वनडे मैचों में फिक्सिंग का आरोप था. इस बात का खुलासा दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी हैंसी क्रोनिए ने किया था, उन्होंने बताया की अजहर ही उन्हें मैच में फिक्सिंग करने के लिए बुकी से मिलाने के लिए ले गए थे. जिसके बाद इस मामले की पूरी जाँच सीबीआई के हाथों में सौपीं गयी. इस खिलाड़ी को इस घटना के बाद देश द्रोही का भी आरोप लगा.
लक्ष्मी रतन शुक्ला
टीम इंडिया के पूर्व ऑल राउंडर लक्ष्मी रतन शुक्ला भी राजनीति के मैदान पर सफल होते हुए नज़र आए. इस साल वेस्ट बंगाल विधानसभा चुनाव में शुक्ला ने तृणमूल कांग्रेस की टिकट से विधानसभा चुनाव जीता था और अब पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री भी हैं.
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