फुटबॉल

वक्त का खेल भी अजीब है. कभी वो किसी को बुलंदियों पर पहुंचा देता है तो किसी को दो दाने-दाने के लिए मोहताज कर देता है. कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय महिला टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली झारखंड की महिला फुटबॉल खिलाड़ी संगीता कुमारी की हालत भी इन दिनों कुछ ऐसी ही है. आर्थिक तंगी की मार इस फुटबॉल खिलाड़ी पर ऐसी पड़ी कि आज उसे दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए ईंट के भट्टे में काम करना पड़ रहा. फुटबॉल खिलाड़ी संगीता कुमारी के बारे में सूचना मिलते ही महिला आयोग ने झारखंड सरकार को पत्र लिखते हुए उसको आर्थिक मदद देने की अपील की है.

फुटबॉल खिलाड़ी की मदद के लिए आगे आया महिला आयोग

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संगीता कुमारी, झारखंड की इस महिला फुटबॉल खिलाड़ी ने कभी बड़े-बड़े सपने देखे थे, लेकिन वक्त की मार ने आज उसे ईंट के भट्टे में काम करने के लिए मजबूर कर दिया है. तंगी की मार झेल रही इस फुटबॉल खिलाड़ी के बारे में सूचना मिलते ही महिला आयोग हरकत में आ गया.

राष्ट्रीय महिला आयोग ने झारखंड सरकार से कहा है कि वह उस अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर को मदद मुहैया कराए, जो वित्तीय संकट के कारण ईंट के भट्टे में मजदूरी करने पर मजबूर है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मदद मांगी है.

फुटबॉल खिलाड़ी संगीता कुमार को लेकर महिला आयोग ने दिया बयान

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महिला आयोग का कहना है कि संगीत कुमारी जैसी फुटबॉल खिलाड़ी ने झारखंड को नाम रोशन किया है, मगर आज उसे ईंट के भट्टे में काम करना पड़ा रहा है, इसलिए झारखंड सरकार को उसकी आर्थिक मदद करनी चाहिए. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा,

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”फुटबॉल खिलाड़ी संगीता कुमारी की स्थिति देश के लिए शार्मिंदगी का विषय है और ऐसे में राज्य सरकार को इस मुद्दे का प्राथमिकता के आधार पर निदान करना चाहिए. संगीता ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत दुनिया में झारखंड का भी प्रतिनिधित्व किया.”

रेखा शर्मा के पत्र की एक प्रति अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के प्रमुख को भी भेजी गई है.