"भारत की पिच नहीं, इंग्लैंड की बल्लेबाजी ही खराब है, हार का न बनाये बहाना" 1

इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान भारत ने 3-1 से जीत हासिल की, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम अब फाइनल में पहुंच चुकी है। इंग्लैंड की टीम ने जहां पहले मैच के दौरान जीत हासिल की थी, तो वहीं बाकी तीन मैच में टीम संघर्ष करती हुई दिखाई दी। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर को इंग्लैंड टीम की हार सहन नहीं हुई, जिसके बाद वह बाद मोटेरा में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच को लेकर कड़ी आलोचना करते हुए नजर आए। इस दौरान वे यह भूल गए कि, जिस पिच की आलोचना कर रहे हैं उसी पिच पर भारतीय खिलाड़ियों ने जीत हासिल की है।

नहीं उठाया टॉस जीतने का भी फायदा

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इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने चार मैचों की सीरीज के दौरान टॉस भी जीता था, जिसके बावजूद भी उनकी टीम इस अवसर का कुछ खास फायदा नहीं उठा सकी। जहां इंग्लैंड की टीम ने पहले टेस्ट मैच के दौरान जीत हासिल की, तो वहीं तीसरे टेस्ट मैच में पहली पारी के दौरान 112 रन बनाए। दूसरी पारी के दौरान टीम ने सिर्फ 81 रन ही हासिल कर पाए।

चौथे टेस्ट मैच के दौरान भी टीम ने कोई खास प्रदर्शन नहीं किया। पहली पारी में 208 रन हासिल किए, तो वहीं दूसरी पारी के दौरान टीम 135 रन पर ही सिमट कर रह गई। इन सब के बावजूद इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर लगातार पिच को लेकर ही सवाल उठा रहे हैं और जमकर आलोचना भी कर रहे हैं।

पिच को लेकर आलोचना करना उचित नहीं

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भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजों ने फाइनल में पहुंच कर यह साबित कर दिया कि, स्टेडियम की पिच में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिसको लेकर कोई भी वजह बताई जाए या फिर आलोचना की जाए। देश के शानदार बल्लेबाज रोहित शर्मा ने पहली पारी के दौरान चेन्नई में शतक लगाया था, तो वहीं दूसरी पारी में भी उन्होंने अर्धशतक लगाया था। ऋषभ पंत ने भी अहमदाबाद में शतक लगाया, तो वाशिंगटन सुंदर ने भी 94 रन बनाए थे अक्षर पटेल ने इस दौरान 46 रन बनाए थे।

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घरेलू टीम हमेशा ही अपने मजबूत पक्ष को देखते हुए ही पिच बनवाती है, जिसमें गलत जैसा कुछ भी नहीं है। इसके अलावा इंग्लैंड टीम को भी घरेलू टीम की तरह ही पिच दी है। दोनों ही टीमें एक ही पिच पर खेलती हैं। जिसमें पिच को लेकर आलोचना करने वाली कोई भी बात सामने नहीं आती है। यदि एक ही पिच पर खेलने के बावजूद एक टीम वह हार मिलती है, और एक टीम जीती है, तो इससे यही साबित होता है कि, हारने वाली टीम शायद जीतने के काबिल नहीं थी।

स्टेडियम की पिच को लेकर आलोचना करने वालों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि, चाहे भारत हो या कोई अन्य क्रिकेट टीम विदेशी धरती पर भी वे हरे घास से भरी पिच पर ही खेलते हैं। ऐसे में पिच को लेकर आलोचना करना उचित नहीं।