महिला टी-20 विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया का खिलाफ हार मिली। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 20 ओवर में 184 रन बनाए। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह फेल रही और टीम 99 रनों पर ऑल आउट हो गई। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने 5वीं बार टी-20 विश्व कप को अपने नाम किया। भारत के गेंदबाजी और फील्डिंग भी काफी खराब रही।
हरमनप्रीत कौर लगातार फेल
भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर का बल्ला पिछले काफी समय से शांत रहा है। इस विश्व कप में भी वह 5 पारियों मे सिर्फ एक बार दहाई का आंकड़ा छू पाई हैं। भारत के लिए अंतिम 50+ स्कोर 2018 टी-20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ आया था।
इस विश्व कप के पहले मैच में वह 2 रन बनाकर आउट हुई थी। इसके बाद वह 2, 8, 1, 15 और 4 रन का स्कोर बना पाईं। फाइनल मैच में उनसे बड़ी उम्मीद थी लेकिन वह कुछ खास नहीं कर पाई। इससे पहले त्रिकोणीय सीरीज में भी वह फेल रहे थे।
पूर्व कप्तान निराश
भारतीय टीम की हार से टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी काफी निराश हैं। उनका कहना है कि भारतीय टीम की अनुभवी बल्लेबाज लगातार फेल हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने हरमनप्रीत कौर की बल्लेबाजी को भारत के लिए अहम बताया। भारत की हार के बाद पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने कहा
“मैं बहुत निराश हूं कि स्मृति, जेमिमाह, हरमन जैसे उच्च कैलिबर के बल्लेबाजों ने बिल्कुल भी क्लिक नहीं किया। यह हरमन, स्मृति, जेमिमाह और वेद की लगातार विफलता थी। मुझे यकीन है कि उन्हें पता होगा कि कब कप्तानी छोड़नी है और यह उनकी कप्तानी की समीक्षा का समय है। वह एक परिपक्व खिलाड़ी हैं क्योंकि टी 20 में निश्चित रूप से टीम में कप्तान की तुलना में बल्लेबाज़ी की ज़रूरत है।”
हार के बाद भी कई सकारात्मक बातें
शेफाली वर्मा की बल्लेबाजी को वह भारतीय टीम के लिए सबसे सकारात्मक बात मानती है। इसके साथ ही शांता रंगास्वामी ने भारतीय स्पिनरों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा
“नुकसान के बावजूद बहुत सारे सकारात्मक हैं। शैफाली शानदार थीं और स्पिनर और लोन पेसर शिखा पांडे शानदार थीं। एलिसा हीली ने अपने आक्रामक रवैये के साथ खेल को फाइनल में भारत से दूर ले गई।”