पाकिस्तान टीम के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज सरफराज अहमद ने श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज तक टीम की कप्तानी संभाली. जिसके बाद अचानक ही उन्हें कप्तानी से हटाने के बाद टीम से भी बाहर कर दिया गया था. अब सरफराज अहमद ने कहा है की टीम से बाहर होने के बाद उसे पचा पाना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है.
सरफराज अहमद ने कहा टीम से बाहर होने को पचाना मुश्किल
श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज हारने के बाद अचानक ही पाकिस्तानी टीम ने अपने नियमित कप्तान सरफराज अहमद को टीम से बाहर किया. विश्व कप 2019 में ख़राब प्रदर्शन का ठीकरा भी उनपर ही फूटा था. अब इंग्लैंड दौरे के लिए उनका नाम लिस्ट में दर्ज है. उनके टीम में वापसी होने के बाद सरफराज अहमद ने अब ईएसपीएन क्रिकइंफो को दिए इन्टरव्यू में कहा कि
” इस बात को पचा पाना बहुत ज्यादा मुश्किल था की एक समय मैं टीम का कप्तान था और नियमित सदस्य भी था और अब अचानक ही कहीं भी नहीं था. आप परेशान हो जाते हैं. लेकिन फिर आप उसके बारें में कुछ कह भी नहीं सकते. क्योंकि मैं बहुत ज्यादा भाग्यशाली रहा था की टीम से बाहर होने के बाद फ़ौरन घरेलू क्रिकेट खेला और फिर पीएसएल खेलने का भी मौका मिल गया था.”
लॉकडाउन के समय में अपने फिटनेस पर काम किया सरफराज अहमद ने
पिछले 3 महीने से कोरोना वायरस के कारण कोई क्रिकेट नहीं खेली जा रही है. जिसके कारण सरफराज अहमद ने पूरा समय अपने घर पर बिताया है. उस समय को अपने फिटनेस सही करने में उन्होंने उपयोग किया है. जिसके बारें में सरफराज ने कहा कि
” मैं टीम से बाहर होने के बाद अधिकतर समय व्यस्त रहा. बस यही पिछले 3 महीने कोरोना के समय में मैं फ्री रहा. मैंने इस समय को फिर अपने फिटनेस पर काम करने के लिए उपयोग किया है. जिससे और फुर्ती शरीर में लाया जा सके. जब आप किसी भी प्रारूप में कप्तान होते हैं, तो यह निश्चित रूप से आप पर बहुत दबाव डालता है और यही कारण है कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है.”
ब्रेक का सरफराज ने ऐसे किया इस्तेमाल
मौजूदा टीम के कोच मिस्बाह उल हक से अपनी बातचीत के बारें में बताते हुए सरफराज अहमद ने कहा कि
” जब आप बिना ब्रेक के, बिना रुके क्रिकेट खेल रहे थे, तब ये ब्रेक वास्तव में आपकी मदद करते हैं. मैं मिस्बाह भाई से बात कर रहा हूं और वह मुझसे आग्रह कर रहे थे कि इस समय का उपयोग अपनी फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए करें और जो मैं गलत कर रहा हूं, उस पर चिंतन करें.”