पूर्व आलराउंडर और दक्षिण अफ्रीका की अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद उसके पहले कप्तान क्लाइव राइस का मंगलवार को निधन हो गया। वह 66 साल के थे। राइस ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थे। उन्होंने अपनी अधिकतर क्रिकेट उस दौर में खेली जब दक्षिण अफ्रीका रंगभेद की नीति के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर था। उन्हें 1971-72 के आस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुना गया था, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी सरकार की रंगभेद की नीति की वजह से वह दौरा रद्द कर दिया गया था। दक्षिण अफ्रीका ने जब नवंबर 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की तो राइस को कप्तान नियुक्त किया गया।
उनकी टीम ने भारत के खिलाफ तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे, लेकिन उन्हें 1992 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप की टीम में नहीं चुना गया। जिस दौर में इयान बाथम, इमरान खान, कपिल देव और रिचर्ड हैडली खेला करते थे। तब राइस दक्षिण अफ्रीकी घरेलू क्रिकेट, इंग्लिश काउंटी चैंपियनशिप और कैरी पैकर विश्व सीरीज क्रिकेट में अपना जलवा दिखाते रहे। राइस पांच दिन पहले ही 66 साल के हुए थे। उन्होंने चार महीने पहले ही भारतीय शहर बेंगलुरु में रेडियशन उपचार लिया था और मार्च में एक साक्षात्कार में उन्होंने इस उपचार को ‘चमत्कारिक’ करार दिया था।
क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) ने मंगलवार को क्लाइव राइस को श्रद्वांजलि अर्पित की और उनके निधन के कारण शोक में अपने मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया। सीएसए के मुख्य कार्यकारी हारून लोर्गट ने कहा कि क्लाइव हमारे पहले कप्तान थे और हम सभी जानते हैं कि वह ताउम्र एक महान फाइटर रहे। यहां तक अपने आखिरी दिनों में उन्होंने लंबे समय से उन्हें परेशान कर रही बीमारी से साहसिक और प्रेरणादायी लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि क्लाइव को हमेशा भारत के हमारे 1991 के ऐतिहासिक दौरे में दक्षिण अफ्रीकी टीम की कप्तानी करने, एक महान आलराउंडर के रूप में याद किया जाएगा। उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिलना सही था, हालांकि उस उम्र में अधिकतर खिलाड़ी अपने करियर को अलविदा कह देते हैं। राइस ने अपने करियर में प्रथम श्रेणी और सीमित ओवरों की क्रिकेट में 39,000 से अधिक रन और 1500 से अधिक विकेट लिए थे। उनके सम्मान में दक्षिण अफ्रीकी टीम गुरुवार से बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैच में काली पट्टी बांधकर खेलेगी।