भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज नयन मोंगिया ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट में कई मैचों में प्रतिनिधित्व किया है। महेन्द्र सिंह धोनी के पहले लंबे समय तक टीम के लिए विकेटकीपर की भूमिका निभाने वाले नयन मोंगिया इस समय अपनी एक मांग को लेकर चर्चा में आ गए हैं।
पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया ने अपने काम के मेहनताने की मांग की
90 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख विकेटकीपर रहे बडौदा के नयन मोंगिया ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बडौदा क्रिकेट एसोसिएशन से एक मांग की है।
नयन मोंगिया ने बडौदा क्रिकेट एसोसिएशन के साथ अपने पूर्व काम को लेकर मेहनताना ना दिए जाने से उसकी मांग की है। उन्होंने साफ कहा कि जूनियर टीम के मेंटर के रूप में उन्होंने सेवा प्रदान की जिसका मेहनताना नहीं दिया गया है।
पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया ने बीसीए के अधिकारियों पर लगाया आरोप
नयन मोंगिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा कि उन्होंने बीसीए के अध्यक्ष प्रणव अमीन, किरण मोरे और राकेश पटेल जैसे दिग्गजों के अनुरोध पर मेंटर के तौर पर कार्यभार संभाला है।
मोंगिया ने कहा, “एक पेशेवर के रूप में, मेरी सेवाओं को प्रदान करने के लिए भुगतान की मांग करना मेरा अधिकार है। जब मैंने भुगतान की मांग की, तो अमीन ने एक-दूसरे कारण का हवाला देते हुए मना कर दिया।”
प्रणव अमीन ने नयन मोंगिया पर लगाया तानाशाही का आरोप
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 140 वनडे और 40 टेस्ट मैच खेलने का अनुभव रखने वाले पूर्व विकेटकीपर नयन मोंगिया ने जब ये आरोप लगाए तो बीसीए प्रमुख प्रणव अमीन ने इन आरोपों का खंडन किया है।
इसके उलट अमीन ने नयन मोंगिया पर आरोप लगाया कि “मोंगिया जब अंडर-16 और अंडर 19 टीमों के मेंटर थे तो वो तानाशाह की तरह काम करते थे।”
वहीं मोंगिया ने कहा कि
“उन्होंने बीसीए को बताया था कि मैदान की खराब स्थिति है जहां पर जूनियर क्रिकेटरों को कोचिंग दी जा रही है। साथ ही उनके लिए बुनियादी ढांचे की कमी है।”
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